Home » दौडऩे के बाद जोड़ो में होता है दर्द? हो सकती हैं ये 5 गलतियां

दौडऩे के बाद जोड़ो में होता है दर्द? हो सकती हैं ये 5 गलतियां

by Bhupendra Sahu

अगर आप रोजाना 10 से 15 मिनट के लिए दौड़ते हैं तो इस एक्सरसाइज से शरीर की अतिरिक्त चर्बी कम करने, मांसपेशियों का निर्माण करने और हृदय को स्वस्थ रखने जैसे कई लाभ मिल सकते हैं।हालांकि, अक्सर आपको दौड़ के बाद अपने जोड़ों में दर्द होता है तो हो सकता है कि आप अनजाने में कुछ गलतियां कर रहे हैं।आइए आज हम आपको दौड़ से जुड़ी कुछ सामान्य गलतियों और उनसे बचने के तरीके बताते हैं।
सही रनिंग शूज न पहनना
अगर रनिंग शूज ठीक नहीं होगें तो आपके जोड़ों में दर्द होना स्वाभाविक है।हमेशा पैर की सबसे बड़ी उंगली और चुने गए जूते में आधे से एक इंच का अंतर होना चाहिए ताकि उन्हें पहनने पर पैरों में लडख़ड़ाहट न हो।दरअसल, दौड़ते समय पैर का पंजा आगे की ओर मुड़ता है और तभी हमें जूते के भीतर कुछ अतिरिक्त स्थान की आवश्यकता होती है।इसके अलावा जूतों का वजन हल्का होना चाहिए और उसकी सोल मुलायम।
वार्मअप और कूल डाउन एक्सरसाइज न करना
दौड़ लगाने वालों के लिए यह सबसे बड़ी गलतियों में से एक है।दौडऩे से पहले वार्मअप करने से मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने में मदद मिलती है और शरीर में लचीलापन भी आता है, जिससे किसी भी एक्सरसाइज का जोड़ों पर दबाव नहीं पड़ता।इसी तरह दौडऩे के बाद कूल डाउन एक्सरसाइज करना जरूरी है। यह शरीर के तापमान को सामान्य करने, हृदय गति में सुधार करने जैसे लाभ दे सकती हैं।
दौड़ते समय एकदम से गति बढ़ाना
दौड़ते समय एकदम से गति बढ़ा देना भी एक बड़ी गलती है, जिससे जोड़ों में दर्द हो सकता है।शरीर को किसी भी एक्सरसाइज और उसकी गति के अनुकूल होने में समय लगता है और अगर आप अचानक से अपने भागने की गति बढ़ा देते हैं तो यह आपके जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डाल सकता है।हमेशा दौड़ते समय धीर-धीरे गति बढ़ाना ही शरीर के लिए फायदेमंद होता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न करना
कई धावक केवल अपने दौडऩे पर ध्यान देते हैं, लेकिन जब जोड़ों के दर्द को रोकने की बात आती है तो यह भी एक बड़ी गलती हो सकती है।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग मजबूत मांसपेशियों के निर्माण में मदद करती है, जो जोड़ों को सहारा देकर स्थिर रख सकती है।अगर आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को नजरअंदाज करते हैं तो इससे मांसपेशियों में असंतुलन और कमजोरी हो सकती है, जो जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है।
ऊबड़-खाबड़ और कठोर सतहों पर दौडऩा
ऊबड़-खाबड़ और कठोर सतहों पर दौडऩे से भी जोड़ों में दर्द हो सकता है क्योंकि इससे पैरों का संतुलन बिगड़ता है, जिससे जोड़ों पर दबाव पड़ता है।इसलिए दौडऩे के लिए हमेशा ऐसी जगह का चयन करें, जो खुली होने के साथ-साथ घास या रेतीली हो।इसके लिए मैदान या पार्क जैसी जगहें बेहतरीन हैं, जहां के आसपास की हरियाली आपकी आंखों को भी आराम पहुंचा सकती है।
००

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More