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पाकिस्तानी सीमा के पास दिखेगी भारतीय वायु सेना की ताकत, अभ्यास के लिए नोटम किया गया जारी

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना ने एक बार फिर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए उसकी सीमा से सटे दक्षिणी क्षेत्र में एक अहम युद्धाभ्यास के लिए कमर कस ली है। आज यानी 4 जून को भारतीय वायुसेना ने गुजरात के राजकोट के पास के एयरस्पेस में हृह्रञ्ज्ररू (हृशह्लद्बष्द्ग ह्लश ्रद्बह्म्द्वद्गठ्ठ) जारी कर विशेष अभ्यास की घोषणा की है।
यह रणनीतिक क्षेत्र पाकिस्तान सीमा से महज 100 किलोमीटर दूर है और अरब सागर से लगा हुआ है, जो इसे सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण बनाता है। इस दौरान दोपहर 3:30 बजे से रात 9:00 बजे तक एयरस्पेस को आम हवाई यातायात के लिए बंद रखा जाएगा।
इस अभ्यास में भारतीय वायुसेना के फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स – राफेल, सुखोई-30 एमकेआई और जगुआर शामिल होंगे। यह युद्धाभ्यास वायुसेना की युद्धक क्षमता, प्रतिक्रिया समय और परिचालन तैयारी की गंभीर समीक्षा का हिस्सा है। यह अभ्यास ‘ऑपरेशन सिंदूरÓ के ठीक बाद हो रहा है, जब भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंक समर्थक रवैये को बेनकाब करने के लिए व्यापक रणनीतिक पहल शुरू की है।
हृह्रञ्ज्ररू एक महत्वपूर्ण सूचना प्रणाली है जिसे वायुसेना या नागरिक उड्डयन प्राधिकरण किसी भी अस्थायी परिवर्तन, खतरे या विशेष गतिविधियों के लिए जारी करता है। इसका मकसद पायलटों, एयर ट्रैफिक कंट्रोल और अन्य विमानन कर्मियों को समय पर जानकारी देना होता है ताकि उड़ान सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इससे पहले 7 और 8 मई को भी भारतीय वायुसेना ने राजस्थान से सटे पाकिस्तान सीमा के दक्षिणी सेक्टर में एक बड़ा हवाई अभ्यास किया था। उस अभ्यास में राफेल, मिराज-2000 और सुखोई जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान शामिल थे। यह भारत की नियमित परिचालन तैयारियों का हिस्सा था, जिसमें भारत की तेजी से प्रतिक्रिया देने की क्षमता और क्षेत्रीय सुरक्षा का संदेश स्पष्ट रूप से झलकता है।
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