Home » उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी उत्पादन को 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित कर करें कार्य- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण उद्यमी उत्पादन को 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित कर करें कार्य- मुख्यमंत्री डॉ. यादव

by Bhupendra Sahu

राज्य सरकार हरसंभव मदद के लिए तत्पर
प्रदेश के खाद्य प्र-संस्कृत उत्पादों का अमेरिका के शहरों में भी है मार्केट
मुख्यमंत्री ने सिंगल क्लिक से 881 हितग्राहियों के खातों में 28 करोड़ 35 लाख रूपए किए अंतरित
मुख्यमंत्री ने की खाद्य प्र-संस्करण उत्पादकों के क्रेता-विक्रेताओं से चर्चा

भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि खाद्य प्र-संस्करण और उद्यानिकी में लगे उद्यमी तथा किसान अपनी गतिविधियों और उत्पादन क्षमता को अगले 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करें। राज्य सरकार उन्हें हर संभव वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि देश के मध्य में स्थित हमारे प्रदेश पर ईश्वर की विशेष कृपा है। प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा के साथ सभी ऋतुओं का लाभ उपलब्ध होने से प्रदेश खाद्य प्र-संस्करण के लिए आवश्यक उद्यानिकी तथा अन्य गतिविधियों के लिए मध्यप्रदेश उपयुक्त है। प्रदेश में आवागमन के साधन, बिजली, पानी, सड़क और भंडारण संबंधी आवश्यक अधोसंरचना भी विद्यमान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुरूप निवेश और उद्यमिता के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव, कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में प्रदेश के खाद्य प्र-संस्करण उत्पादकों के एक दिवसीय राज्य स्तरीय क्रेता-विक्रेता सम्मेलन को दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ के बाद संबोधित कर रहे थे।

मिलेट से बनी आइसक्रीम रही आकर्षण का केन्द्र

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में लगी उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन कर अवलोकन किया और विक्रेता व उत्पादकों से चर्चा की। प्रदर्शनी में मिलेट से बनी आइसक्रीम आकर्षण का केन्द्र रही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को “एक पेड़ मां के नाम” अभियान में “सुंदरजा” आम का पौधा भेंट किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगल क्लिक से पीएमएफएमई योजना के 881 हितग्राहियों के खातों में 28 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि अंतरित की। इस अवसर पर उद्यमियों की सफलता की कहानियों पर केन्द्रित लघु फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा, अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस.एन. मिश्रा उपस्थित थे।

प्रदेश की युवा पीढ़ी द्वारा किए जा रहे नवाचार सराहनीय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच के परिणामस्वरूप वर्तमान परिस्थितियों में देश आर्थिक समृद्धि और विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश में निवेश और औद्योगिक गतिविधियों के लिए अनुकूल वातावरण बना है तथा इन गतिविधियों के विस्तार के लिए निरंतर रीजनल इंडस्ट्री समिट का क्रम जारी है। इन समिट में कृषि सहित खाद्य प्र-संस्करण गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस क्षेत्र में इकाइयों की स्थापना में आने वाली कठिनाइयों को प्राथमिकता से दूर किया जा रहा है। प्रदेश की युवा पीढ़ी द्वारा इस दिशा में किए जा रहे नवाचार सराहनीय हैं।

ग्वालियर की सुश्री श्रद्धा खरे और विदिशा की श्रीमती रेखा शर्मा ने साझा किए अपने अनुभव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव से चर्चा में ग्वालियर की उद्यमी सुश्री श्रद्धा खरे और कुरवाई (विदिशा) की उद्यमी श्रीमती रेखा शर्मा ने बताया कि उनके द्वारा संचालित खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। वे प्रदेश के प्र-संस्कृत उत्पाद अमेरिका के शहरों में भी उपलब्ध करवा रही हैं। श्रीमती शर्मा ने बताया कि कुरवई विदिशा में उनके द्वारा टिश्यू कल्चर से भी कृषि व उद्यानिकी संबंधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।

प्रदेश में हाइटेक नर्सरी पर कार्य जारी : भोपाल संभाग में स्थापित होगी टेस्टिंग लैब

जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्षेत्रीय स्तर पर औद्योगिक समिट कर बड़े उद्योगपतियों के साथ परम्परागत रूप से व्यापार, व्यवसाय और औद्योगिक गतिविधियों में लगे व्यक्तियों को प्रोत्साहन प्रदान करने की पहल की है। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन कल्याण मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश में ऐसी योजनाओं का प्राथमिकता पर क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिनसे खाद्य प्र-संस्करण और उद्यानिकी के क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर सृजित होते हैं। इस संबंध में अन्य प्रदेशों में किए गए नवाचारों का भी अनुसरण किया जाएगा। उन्होंने नई दिल्ली में हाल ही में प्रदेश को खाद्य प्र-संस्करण में प्राप्त पुरस्कार का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश में हाइटेक नर्सरी पर कार्य जारी है। इसके साथ ही भोपाल संभाग में टेस्टिंग लैब की स्थापना भी की जाएगी। प्राय: टमाटर व अन्य फसलों की अधिक उपज के कारण किसानों को नुकसान होता है। हमारा प्रयास है ऐसी फसलों के प्र-संस्करण की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को उनकी मेहनत और लागत की हानि से बचाया जा सकेगा। अपर मुख्य सचिव तथा कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस.एन. मिश्रा ने भी सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त किए।

सम्मेलन में उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और निर्यात की संभावनाओं पर दी गई जानकारी

उल्लेखनीय है कि यह सम्मेलन प्रदेश के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों में निर्मित उत्पादों और उद्यानिकी सामग्री को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने तथा क्रेता-विक्रता को सांझा मंच उपलब्ध कराने, इच्छुक कृषकों को उन्नत तकनीक, प्रसंस्करण क्षेत्र में संभावनाओं, बाजार के लिंकेज, शासकीय योजनाओं के संबंध में मार्गदर्शन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। सम्मेलन में उन्नत मशीनों के प्रदर्शन के साथ ही उत्पादों की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और निर्यात की संभावनाओं संबंधी जानकारी भी उपलब्ध कराई गई।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More