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नीरज चोपड़ा से प्रेरित होकर भालाफेंक एथलीट दीपिका ने मीट रिकॉर्ड तोडऩे की आदत जारी रखी

by Bhupendra Sahu

चेन्नई। हरियाणा की युवा भालाफेंक खिलाड़ी दीपिका ने 17 साल की उम्र में अपने आदर्श नीरज चोपड़ा की तरह ही रिकॉर्ड तोडऩे की आदत बना ली है। नीरज मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता हैं। शीर्ष तक पहुंचकर उन्होंने नए मानक स्थापित किए हैं।
दीपिका हरियाणा के फतेहाबाद जिले में स्थित 5,000 निवासियों का एक शांत गांव बनगांव की हैं। इस क्षेत्र से भालाफेंक में पदकों की संख्या बढऩे के कारण इस क्षेत्र के एथलेटिक्स कोच इसे हरियाणा का मिनी फिनलैंड कहते हैं।
हालांकि, बनगांव के निवासियों के लिए भालाफेंक प्रतियोगिताओं में नए रिकॉर्ड बनाना एक नियमित मामला है। यही हाल दीपिका का भी है।
दीपिका ने गुरुवार को चौथे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग लेते हुएअपने ही रिकॉर्ड में सुधार किया। उन्होंने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 56.79 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता और अपना पिछला मीट रिकॉर्ड तोड़ दिया। वह 2022 से भारत सरकार की खेलो इंडिया स्कॉलरशिप योजना का भी हिस्सा रही हैं।
उनकी बढ़त के पीछे हनुमान सिंह हैं, जो अपने शिष्यों को मैदान पर खुद को खुलकर बोलने की अनुमति देते हैं। हनुमान की शिष्या हरियाणा की यह लड़की भालाफेंक में रिकॉर्ड तोडऩे से नहीं कतराती। दीपिका हर सवाल का जवाब मुस्कुराहट और खिलखिलाहट के साथ देती हैं।
यह पूछने पर कि वह इतनी बार रिकॉर्ड कैसे बनाती हैं, दीपिका हंसती हैं और सवाल को अपने कोच हनुमान सिंह की ओर टाल देती हैं। हनुमान ने जवाब दिया, वह बहुत कड़ी मेहनत कर रही है। वह वही करती है, जो उसे करने को कहा जाता है। अनुशासन ने ही उसे एक के बाद एक रिकॉर्ड तोडऩे में मदद की है।
उन्होंने कहा, जब हरियाणा महिलाओं के लिए मुक्केबाजी, कुश्ती और हॉकी जैसे विभिन्न प्रकार के खेल पेश करता है, तो भालाफेंक में ही पीछे क्यों रहे
दीपिका ने हर चीज की थोड़ी कोशिश की। फिर नीरज चोपड़ा से प्रभावित होकर उन्होंने भालाफेंक को करियर बनाने का फैसला किया। हनुमान ने कहा, उसके सभी रिकॉर्डों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि वह सही निर्णय लेने में सक्षम है।
अपने हीरो नीरज चोपड़ा के विपरीत दीपिका के बाल छोटे हैं। जब उनसे पूछा गया कि ऐसा क्यों है, तो उन्होंने जवाब दिया, मेरे कोच से पूछो, उन्होंने मुझसे बाल छोटे रखने को कहा था। हनुमान ने कहा, यह अकादमी में शामिल होने की शर्तों में से एक है, इससे प्रशिक्षण में मदद मिलती है।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स में दीपिका का यह चौथा पदक था। 2020 में गुवाहाटी खेलों में जीते गए रजत को छोड़कर दीपिका ने तीन स्वर्ण पदक अर्जित किए हैं। उन्होंने पंचकूला में 51.37 मीटर की दूरी के साथ पहला रिकॉर्ड तोड़ा। भोपाल खेलों में भी उन्होंने 55.19 मीटर की दूरी के साथ रिकॉर्ड बेहतर किया।
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