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विपक्ष राहुल के साथ खड़ा, एकता की राह की पहली बाधा पार

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दिए जाने के बाद विपक्ष ने एकता की पहली परीक्षा पास कर ली है। अब तक कांग्रेस से दूरी बनाकर चलने वाली बीआरएस, टीएमसी व आप ने भी इस मामले में राहुल को समर्थन दिया है। राहुल गांधी ने विपक्ष को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि यह सरकार से लडऩे के लिए एक हथियार साबित होगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, आज यह नोट किया गया कि कई विपक्षी दलों ने राहुल गांधी को अयोग्य घोषित करने के लिए सरकार द्वारा की गई एकतरफा कार्रवाई की निंदा की है। हम सभी विपक्षी नेताओं के इस बयान का स्वागत करते हैं और हां, एक आम सहमति है कि अब हमें व्यवस्थित तरीके से विपक्षी एकता बनाने का काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े हर दिन लोकसभा और राज्यसभा के नेताओं से मिलते रहे हैं, जब संसद का सत्र चल रहा होता है।
इसलिए, हम संसद में समन्वय कर रहे हैं, अब समन्वय संसद के बाहर होना चाहिए और यह भी बहुत खुशी की बात है कि कुछ दल, जो संसद में इस सदन के समन्वय का हिस्सा नहीं थे, ने भी अब इस कार्रवाई की निंदा करते हुए सार्वजनिक बयान जारी किए हैं।
अप्रत्याशित हलकों से समर्थन कांग्रेस के लिए एक आश्चर्य के रूप में आया है, विशेष रूप से ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और के चंद्रशेखर राव से।
आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि यह राहुल गांधी या कांग्रेस की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह देश को एक तानाशाह और कम पढ़े-लिखे व्यक्ति से बचाने की लड़ाई है। आज जो हो रहा है वह बहुत खतरनाक है, वे वन नेशन वन पार्टी का माहौल बनाना चाहते हैं।
बीआरएस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कहा, भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आज का दिन काला दिवस है। राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता नरेंद्र मोदी के अहंकार और तानाशाही की पराकाष्ठा है।
उन्होंने कहा, यह बेहद निंदनीय है कि मोदी सरकार संवैधानिक संस्थानों और अपनी नापाक गतिविधियों के लिए संसद का भी दुरुपयोग कर रही है।
लेकिन कांग्रेस को विपक्षी एकता की गति को बनाए रखना है और व्यवस्थित तरीके से राजनीतिक दलों के नेताओं तक पहुंचना है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, यह निंदनीय है कि भाजपा अब विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने और उन्हें अयोग्य ठहराने के लिए आपराधिक मानहानि के रास्ते का इस्तेमाल कर रही है, जैसा कि राहुल गांधी के साथ किया गया है। यह विपक्ष के खिलाफ ईडी/सीबीआई के घोर दुरुपयोग के ऊपर आता है। इस तरह के सत्तावादी हमलों का विरोध करें और उन्हें हराएं।
लेकिन विपक्ष के बयानों से काम नहीं चलेगा, क्योंकि अतीत में कांग्रेस ने भाजपा में गोवा की जीत के लिए टीएमसी और आप पर और भाजपा की गुजरात जीत के लिए आप पर आरोप लगाया था।
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