मुंबई । भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सदाभाऊ खोत और राकांपा के शिजराव गजरे ने सोमवार को महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद अब 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। उम्मीदवारों के निर्विरोध चुने जाने की कोशिशें कामयाब नहीं हुईं इसलिए अब चुनाव होना तय हो गया है। भाजपा के पांच उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि महा विकास अघाडी की तीनों पार्टियों (शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस) ने मिलकर 6 उम्मीदवार उतारे हैं। देवेंद्र फडणवीस सरकार (2014-19) में मंत्री रहे खोत ने विपक्षी भाजपा के समर्थन से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को 25.81 वोट हासिल करने होते हैं, जहां 288 सदस्यीय विधानसभा के सदस्य निर्वाचक मंडल बनाते हैं।
भाजपा ने पांच उम्मीदवार उतारे हैं जबकि सत्तारूढ महाविकास अघाड़ी के घटक दल कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों को टिकट दिया है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस के पास अपने पांचवें और दूसरे उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त वोट नहीं हैं।
राज्यसभा चुनावों के विपरीत जहां विधायकों को वोट डालने के बाद संबंधित पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधि को अपना मतपत्र दिखाना होता था, विधान परिषद के चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होंगे, जिससे क्रॉसिंग-वोटिंग और निर्दलीय और छोटे दलों के प्रति निष्ठा बदलने की आशंका पैदा होगी।