केंद्र सरकार चार लाख करोड़ रुपये की अब तक की सबसे बड़ी सब्सिडी योजनाओं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और एलपीजी के मूल्यांकन की तैयारी में है। नीति आयोग को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। चार लाख करोड़ रुपये की इन सब्सिडी योजनाओं की समीक्षा इसलिए की जाएगी, ताकि होने वाले खर्च को तर्कसंगत बनाया जा सके। इसके साथ ही किसी तरह के रिसाव को रोका जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि सही लोगों तक लाभ पहुंच रहा है।
नीति आयोग से जुड़े विकास निगरानी और मूल्यांकन कार्यालय ने दोनों योजनाओं के मूल्यांकन के लिए एक केंद्रीय समन्वय एजेंसी के लिए प्रस्ताव मंगाया है। इससे सालाना लगभग 4,00,000 करोड़ रुपये का खर्च आता है। महत्वपूर्ण खर्च के बावजूद भारत को अभी भी खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी परिणाम प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत वैश्विक भूख की आबादी में लगभग 30 फीसदी का योगदान देता है।