नई दिल्ली । पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में सांसदों की एंट्री से पहले अपने भाषण में कहा कि हमारे लिए यह भावुकता का समय है। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन में आज हम नए भविष्य का श्रीगणेश करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराना संसद भवन और खासतौर पर यह सेंट्रल हॉल हमें भावुक करता है और प्रेरित भी करता है।
अंग्रेजी हुकूमत ने 1947 में यहीं पर सत्ता का हस्तांतरण किया था। उस पूरी प्रक्रिया का साक्षी हमारा यह सेंट्रल हॉल है। यहीं पर तिरंगे और राष्ट्रगान को अपनाया गया। ऐतिहासिक अवसरों पर आजादी के बाद भी यहां दोनों सदनों की बैठकें की गईं। वहीं संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम रखा गया।
उधर, पीएम मोदी ने कहा कि 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 अध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी सांसदों को संबोधित किया है। यहीं पर संयुक्त सत्र बुलाकर कानून भी पारित किए गए। बैंकिंग सर्विस कानून, दहेज रोकथाम कानून और आतंकवाद से निपटने के कानून भी इसी ह़ॉल में संयुक्त सत्र बुलाकर पारित किए गए।
मुस्लिम बहन बेटियों को तीन तलाक से मुक्ति भी इसी संसद में दिलाई गई। इसी सदन में हमने 4 हजार से ज्यादा कानून बनाए गए। समाज का ऐसा कोई वर्ग नहीं रहा, जिसकी सदन में चिंता न हुई हो। यहीं पर हमने 370 को हटाने का भी फैसला लिया।
पीएम ने कहा कि हम में से कुछ लोगों में निराशा हो सकती है, लेकिन दुनिया को भरोसा है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत का बैंकिंग सेक्टर में अपनी मजबूती के चलते दुनिया में चर्चा का केंद्र है।
मोदी ने कहा कि छोटी-छोटी चीजों पर लडऩे का वक्त चला गया है। अब हमें आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत करनी होगी। आज दुनिया 5 साल के अंदर ही आत्मनिर्भर भारत की चर्चा करने लगी है। इस संकल्प को पूरा करना हम सभी का दायित्व है और इसमें दल आड़े नहीं आते हैं। सिर्फ दिल चाहिए और देश के लिए चाहिए।
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