Home » पालतू कुत्ते से भी आपको हो सकता है रेबीज, एक छोटी सी गलती हो सकती है जानलेवा

पालतू कुत्ते से भी आपको हो सकता है रेबीज, एक छोटी सी गलती हो सकती है जानलेवा

by Bhupendra Sahu

आजकल घरों में पालतू कुत्ते पालना बहुत कॉमन हो गया है. कई लोग अकेलापन दूर करने या बच्चों को जिम्मेदारी सिखाने के लिए पालतू कुत्ते रखते हैं.पालतू कुत्ते अपने मालिक के प्रति बहुत वफादार और प्यारे होते हैं. लेकिन क्या आपको पता है पालतू कुत्ते से रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती है. अगर हम पालतू कुत्तों की देखभाल करते समय सावधानी नहीं बरतते हैं तो हम अपनी जान को खतरे में डाल सकते हैं. इसलिए पालतू कुत्ते पालते समय हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे रेबीज जैसी बीमारियों से सुरक्षित हैं और हमारे लिए कोई खतरा नहीं हैं.

रेबीज एक बीमारी है जो जानवरों की लार से फैलती है. संक्रमित जानवर के लार का संपर्क जब व्यक्ति के खून से होता है, तो ये वायरस फैलता है. व्यक्ति के खून में ये वायरस या तो जानवर के काटने से पहुंचते हैं या पालतू जानवरों के घाव और चोट आदि के चाटने से भी फैल जाते हैं. इसलिए पालतू कुत्तों को रेबीज के टीका लगवाना बेहद जरूरी होता है. रेबीज से संक्रमित कुत्तों में कुछ विशिष्ट लक्षण दिखाई देते हैं जैसे अत्यधिक उत्तेजना और आक्रामकता, लार बहना, भौंकना-चीखना, आवाज़ में बदलाव, भूख कम लगना आदि. इसलिए पालतू कुत्तों को नियमित रूप से रेबीज का टीका लगवाना जरूरी हो जाता है ताकि वे रेबीज से बचे रहें और आस-पास के लोगों को भी रेबीज से सुरक्षा मिल सके.

रेबीज से होती है यह बीमारी
रेबीज के कुछ लक्षण वर्षों बाद भी दिखाई देती है. रेबीज एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिसमें वायरस शरीर के न्यूरल तंत्र को प्रभावित करता है रेबीज मस्तिष्क और नसों को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए इसके कुछ लक्षण वर्षों बाद भी दिखाई दे सकते हैं, जैसे:
* मांसपेशियों में कमजोरी
* स्पीच में दिक्कत
* चेहरे की मांसपेशियों में ऐंठन
* मानसिक समस्याएं
इसलिए रेबीज का इलाज सही समय पर कराना बेहद जरूरी है. टीकाकरण भी रेबीज से बचाव का एकमात्र तरीका है.
००

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More