नई दिल्ली । चुनावों में फ्रीबीज, मुफ्तखोरी या ‘रेवड़ी कल्चरÓ पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई है। कोर्ट ने सभी पक्षों का तर्क सुना और सुझाव मांगे हैं। कोर्ट इस मामले पर सोमवार को अपना फैसला सुनाएगा।
मामले की सुनवाई खुद सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने एक बार फिर विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की लेकिन बेंच ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे। सीजेआई ने कहा कि सवाल ये है कि वैध वादा क्या है? क्या फ्रीबीज है और क्या वो कल्याणकारी राज्य के लिए ठीक है? सीजेआई ने आगे कहा कि जो याचिका के पक्ष में हैं या खिलाफ हैं, वो अपना सुझाव दें।
इससे पहले आम आदमी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर इस मुद्दों पर विचार के लिए विशेषज्ञ कमिटी के गठन की मांग का विरोध किया था। हलाफऩमे में कहा गया था कि चुनावी भाषणों पर कार्यकारी या न्यायिक रूप से प्रतिबंध लगाना संविधान के अनुच्छेद 191ए के तहत फ्रीडम ऑफ स्पीच की गारंटी के खिलाफ है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनावों में राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहार देने का वादा करना गंभीर मुद्दा है। इसके बजाय बुनियादी ढांचे पर राशि खर्च की जानी चाहिए।
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