भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण यादव आगामी टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने के साथ ही एक अहम उपलब्धि हासिल कर लेंगे। वह ओलंपिक में भाग लेने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज होंगे। इससे पहले विजेंदर सिंह ने भी तीन बार ओलंपिक में भाग लिया था। उन्हें 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक मिला था। अपने कोच रोनाल्ड सिम्स के साथ अमेरिका में पिछले कुछ महीनों से प्रशिक्षण ले रहे विकास अब स्वदेश लौट आये हैं। इस मुक्केबाज का कहाना है कि उनका लक्ष्य अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करना, ओलम्पिक में पदक जीतना और मुक्केबाजी में अपना योगदान देना है।
इस मुक्केबाज का मानना है कि यह उनके लिए भाग्यशाली होगा कि वह तीसरी बार ओलंपिक में भाग ले रहे हैं और वह ओलंपिक क्वालीफिकेशन अभियान में सफलता प्राप्त करने के बाद देश के लिए स्वर्ण पदक प्राप्त करना चाहते है। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा उद्देश्य इस बार देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। मैंने दो बार देश का प्रतिनिधित्व किया है लेकिन अब स्वर्ण पदक को हासिल करने का समय आ गया है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं दुनिया को दिखाने जा रहा हूं कि मुक्केबाजी एक कला है।’
विकास ने कहा, ‘हमें काफी मजबूत टीम मिली है, हमारी टीम में अमित पंघल और मनीष कौशिक जैसे खिलाड़ी हैं जो विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं। ये खिलाड़ी दुनिया के किसी भी खिलाड़ी को हराने में सक्षम हैं। इनके अलावा हमारे पास सतीश कुमार हैं जो बहुत अधिक अनुभवी हैं और हमारे पास आशीष चौधरी हैं और हमारे पास काफी अच्छे लोगों की टीम है, हमारी टीम काफी मजबूत है और हम ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।’