चंडीगढ़ । भारतीय टीम के युवा ओपनर शुभमन गिल ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सभी को प्रभावित किया। 21 वर्षीय गिल ने मेलबर्न में टेस्ट डेब्यू करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। पंजाब के खिलाड़ी ने जिस तरह से वर्ल्ड क्लास बॉलिंग के सामने निडर होकर बल्लेबाजी की, वहां तारीफ के काबिल है। स्वदेश लौटने के बाद शुभमन ने कहा, अभी मैं सुकून महसूस कर रहा हूं। इंडिया के लिए डेब्यू कर मैं राहत महसूस कर रहा हूं। मैं थोड़ा नर्वस था। पारी दर पारी मेरा आत्मविश्वास बढ़ता गया।’
टेस्ट सीरीज की 6 पारियों में गिल को कभी भी असहज महसूस करते हुए नहीं देखा गया। गिल ने सीरीज के चौथे और आखिरी टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 91 रन बनाकर भारतीय टीम की जीत की नींव रखी थी। पहला शतक चूकने का मलाल पिता लखविंदर गिल के साथ बेटे को भी है। गिल ने कहा, शतक केक पर चेरी की तरह हो सकता था। मैं जम चुका था और मुझे सेंचुरी बनानी चाहिए थी। मैं टीम की जीत में योगदान देकर खुश हूं। इस सीरीज से मैंने काफी कुछ सीखा जो मुझे बेहतर क्रिकेटर बनने में मदद करेगा।’ दाएं हाथ के बल्लेबाज गिल का अगला लक्ष्य इस लेवल पर लगातार बेहतर प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा, ‘ इस स्तर पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करना मेरा लक्ष्य है। इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज मेरे लिए अहम है क्योंकि अब मुझे पहचाना जाने लगा है। जेम्स एंडरसन ,स्टुअर्ट ब्रॉड और जोफ्रा आर्चर की गेंदों का सामना करना चुनौती होगी। मैं इसके लिए तैयार हूं।’
ऑस्ट्रेलिया में गिल की सफलता के पीछे पूर्व स्टार ऑलराउंडर युवराज सिंह का बड़ा हाथ है। आईपीएल से 21 दिन पहले युवी ने गिल की काफी मदद की। बकौल गिल, आईपीएल से पहले युवी पाजी के साथ कैंप में काफी मदद मिली। कैंप के दौरान उन्होंने मुझे चिन म्यूजिक (बाउंसर्स) के खिलाफ तैयारी कराई। उन्होंने अलग अलग एंगल से सौ से अधिक शॉर्ट पिच गेंदों पर अभ्यास कराया। मुझे लगता है कि इससे मुझे काफी मदद मिली।’ गिल ने 3 टेस्ट की 6 पारियों में 51.80 की औसत से कुल 259 रन बनाए जिसमें दो अर्धशतक शामिल थे।