नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह साढ़े दस बजे वर्चुअल तरीके से देशभर में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। इस कार्यक्रम से देश भर की 3006 टीकाकरण सेशन साइटें जुड़ेंगी। प्रत्येक साइट पर पहले दिन सौ लोगों को टीका लगाया जाएगा। इस प्रकार तीन लाख छह सौ लोगों को पहले दिन कोरोना टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह पूरे देश को कवर करने वाला यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम होगा। पहले चरण में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का टीकाकरण होगा, जिसमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र के स्वास्थ्य कार्मिकों के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी शामिल हैं। टीकाकरण कार्यक्रम में कोविन ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें टीके से संबंधित हर प्रकार की रियल टाइम जानकारी रहेगी। यह डिजिटल प्लेटफार्म टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े प्रबंधकों को हर प्रकार का मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा। इसके अलावा कोरोना या टीकाकरण से जुड़ी जानकारी के लिए चौबीस घंटे चलने वाली हेल्पलाइन 1075 की मदद भी ली जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री इस दौरान वीडियो कांफ्रेंस के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों के कुछ स्वास्थ्यकर्मियों के साथ संवाद भी कर सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री से संवाद के लिए कुल टीकाकरण केंद्रों में से सीमित टीकाकरण केंद्रों का चयन किया गया है। इस सिलसिले में अधिकारियों को कहा गया है कि डिजिटल माध्यम से दोतरफा संवाद को सफल बनाने के लिए वे आवश्यक इंतजामात करें। सूत्रों के मुताबिक राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और सफदरजंग अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि वे दोतरफा संवाद के लिए आवश्क वे सभी इंतजामातों के साथ तैयार हैं। सरकार द्वारा खरीदी गई कोविशील्ड और कोवैक्सीन टीके की 1.65 करोड़ खुराकें उनके स्वास्थ्यकर्मियों के आंकड़ों के अनुसार राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को आवंटित की गई है। मंत्रालय ने कहा, इसलिए किसी भी राज्य से भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है। यह आरंभिक स्तर पर दी गई खुराक है। इसलिए कम आपूर्ति किए जाने को लेकर जताई जा रही चिंताए निराधार और दुर्भाग्यपूर्ण हैं। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे 10 फीसदी आरक्षित/बर्बाद खुराकों और रोजाना प्रत्येक सत्र में औसतन 100 टीकाकरण को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण सत्रों का आयोजन करें। राज्यों से यह भी कहा गया है कि प्रत्येक टीका केंद्र पर हड़बड़ी में तय सीमा से ज्यादा संख्या में लोगों को न बुलाएं। मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को टीकाकरण सत्र स्थलों को बढ़ाने की सलाह दी है और उनके रोजाना संचालन की बात कही है ताकि टीकाकरण प्रक्रिया स्थिर हो सके और आगे सुचारू रूप से बढ़ सके। ज्ञात हो कि पहले चरण में तीन करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी शामिल हैं।