नई दिल्ली । भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल-परिचालन- स्थानांतरण (टीओटी) आधार पर राजमार्गों के मौद्रिकरण के माध्यम से अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग तथा एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। गडकरी ने कहा कि जीपीएस के जरिए इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण की योजना पारगमन की सही दूरी के लिए है। गडकरी ने 25वें व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा एनएचएआई का अगले पांच साल में टीओटी आधार पर संपत्तियों के मौद्रिकरण से एक लाख करोड़ रुपये जुटाने का इरादा है। हमें काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। हमें कई नए मॉडल और पेंशन कोषों के अलावा विदेशी निवेशकों से प्रतिक्रिया मिल रही है।” एनएचएआई सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित उन राजमार्ग परियोजनाओं का मौद्रिकरण करने के लिए अधिकृत है, जो परिचालन में हैं और वाणिज्यिक परिचालन के बाद कम से कम एक साल से टोल संग्रह कर रही हैं। मंत्री ने कहा कि जीपीएस के जरिए टोल संग्रह में कार की तस्वीर ली जाएगी और किसी वाहन द्वारा सड़क के इस्तेमाल के आधार पर उपयोगकर्ता से टोल काटा जाएगा। गडकरी ने कहा कि फास्टैग के जरिये इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह से टोल राजस्व बढ़ा है। फास्टैग के जरिये संग्रहण अभी 75 प्रतिशत है, जो एक महीने में 98 प्रतिशत हो जाएगा।
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