मुंबई । भारतीय शेयर बाजार के लिए मंगलवार का कारोबारी सत्र नुकसान वाला रहा। बाजार में चौतरफा गिरावट देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 872.98 अंक या 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,186.44 और निफ्टी 261.55 अंक या 1.05 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 24,683.90 पर बंद हुआ।
खास बात तो ये है कि भारत के शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। आंकड़ों को देखें तो सेंसेक्स में 1300 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिल चुकी है। जबकि निफ्टी तीन कारोबारी दिनों में 378 अंक गिर चुका है। मंगलवार को निवेशकों के 5.50 लाख करोड़ रुपए डूब गए। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बड़ी गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 922 अंक या 1.62 प्रतिशत गिरकर 56,182.65 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 166.65 अंक या 0.94 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,483 पर था।
शेयर बाजार के गिरने की वजह कमजोर वैश्विक संकेतों को माना जा रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार के फ्यूचर्स के साथ ज्यादातर एशियाई बाजार लाल निशान में थे। सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी, मेटल, मीडिया, एनर्जी और फार्मा सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। सेंसेक्स पैक में इटरनल (जोमैटो), मारुति सुजुकी, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, नेस्ले, बजाज फाइनेंस, एचयूएल, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स,एसबीआई, टेक महिंद्रा और टाइटन टॉप लूजर्स थे। बीएसई बेंचमार्क में केवल टाटा स्टील, इन्फोसिस और आईटीसी टॉप गेनर्स थे। बाजार में गिरावट की एक और वजह जापान सरकार के बॉन्ड यील्ड में तेजी आना है। 20 वर्ष के बॉन्ड की यील्ड साल 2000 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, 30 वर्ष के वर्ष के बॉन्ड की यील्ड रिकॉर्ड स्तर पर है, जिससे जापान की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंताएं पैदा हो रही हैं। जापान के साथ अमेरिका और अन्य विकसित देशों के बॉन्ड यील्ड में भी गिरावट हो रही है।
