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जल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए राजस्थान सरकार और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एमओयू

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल एवं दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की वॉटर एम्बैसेडर मिस कार्लिन मेवाल्ड की उपस्थिति में ऑस्ट्रेलिया इंडिया वाटर सेंटर के तत्वाधान में सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जलदाय मंत्री ने पेयजल स्त्रोतों को दीर्घावधि तक कार्यरत रखे जाने की प्राथमिकता पर कार्य करने हेतु साझा तक्नीकी तथा शोध को बढ़ावा देने का आग्रह किया ताकि जल जीवन मिशन से पहुँचने वाले हर घर जल को लम्बे समय तक उपयोगी बनाया जा सके। साथ ही समुदाय को जल प्रबन्धन से जोड़ने की महती आवश्यकता को रेखांकित किया।

कार्यशाला के दौरान राज्य सरकार एवं दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के मध्य ऑस्ट्रेलिया इंडिया वाटर सेंटर के माध्यम से जल क्षेत्र में तकनीकी सहयोग एवं नवीन तकनीकी के आदान-प्रदान हेतु साझा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते के अन्तर्गत प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राजस्थान की पेयजल समस्याओं के निराकरण हेतु विस्तृत वार्ता की गई जिसमें जलाशयों में वाष्पीकरण की रोकथाम एवं इन्हें सौर उर्जा से जोड़ने के तरीके लागू करना, पेयजल के कुशल उपयोग व न्यूनतम खर्च में पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल था।

इसके अतिरिक्त दूषित पेयजल के पुर्न-चक्रण हेतु आवश्यक तकनीकी सहयोग करना,पेयजल स्त्रोतों की दीर्घावधि धारिता सुनिश्चित करने हेतु जल जीवन मिशन को इससे जोड़ना, भूजल पुनर्भरण हेतु भूजल विभाग से फ्रेक्चर जोन चिन्हित कर वैज्ञानिक पद्धति से भूजल रिचार्ज करना, पेयजल के संरक्षण में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित कर विभिन्न भागीदारों के मध्य साझा सुझावों के आदानकृप्रदान से वैज्ञानिक रूप से पेयजल संरक्षण पर कार्य करना जैसे मुद्दे भी शामिल रहे।

कार्यशाला में आर.ओ. वेस्ट वाटर के प्रबन्धन हेतु कारगर योजना बनाना, साझा रूप से क्षमताओं को बढ़ाकर सतही जल, कृषि, भू-जल एवं बुनियादी ढाँचे पर अर्न्तविभागीय प्रगति करना, जलदाय विभाग के अभियंताओं की क्षमता संवर्धन पर कार्य करना, पेयजल गुणवत्ता को हर घर जल के साथ-साथ सुनिश्चित करवाना,दक्षिण राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण तंत्र को विकसित करना, चम्बल नदी के कैचमेण्ट एरिया में पानी के सम्पूर्ण ईको-सिस्टम को सक्रिय रूप से संरक्षित करना,वाटर-पॉलिसी और गर्वनेन्स फ्रेमवर्क को तैयार करने पर विचारकृविमर्श हुआ।

कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भास्कर ए सावंत, मिशन निदेशक (जल जीवन मिशन) कमर उल जमान चौधरी इत्यादि के साथ-साथ MNIT के प्रोफेसर ए.बी. गुप्ता ने भी शिरकत की एवं अपने विचार साझा किए।

 

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