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आटा मिलों की लिवाली से गेहूं 100 रुपए प्रति क्विंटल और तेज

by Bhupendra Sahu

जयपुर। गेहूं की कीमतों में एक बार फिर तेजी का रुख देखा जा रहा है। उत्पादक मंडियों में गेहूं की उपलब्धता घटने तथा रोलर फ्लोर मिलों की लगातार मांग निकलने से दो दिन के अंतराल में दड़ा गेहूं 100 रुपए प्रति क्विंटल उछल गया है। जयपुर मंडी में इसके मिल डिलीवरी भाव मंगलवार को 2850 रुपए प्रति क्विंटल पर जा पहुंचे। समर्थन पाकर आटा, मैदा एवं सूजी के भाव भी ऊंचे हो गए हैं। रिटेल काउंटरों पर एक किलो सूजी के दाम 45 रुपए वसूल किए जा रहे हैं।

इसी प्रकार चक्की आटा तथा ब्रांडेड आटे के भाव 36 से 55 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। गेहूं की बिजाई दिवाली के आसपास होती है। नया गेहूं मार्च-अप्रैल में आता है। यूं तो भारत में गेहूं की पैदावार को देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है। मगर इस साल बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं की फसल काफी प्रभावित हुई है। इस साल गेहूं की औसत उपज करीब 24 क्विंटल प्रति एकड़ है। जो कि पूर्व वर्ष की तुलना में 6 क्विंटल प्रति एकड़ ज्यादा है। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के वित्तीय वर्ष में गेहूं की एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल तय की है। लेकिन वर्तमान में गेहूं की कीमतें एमएसपी से करीब 500 रुपए प्रति क्विंटल ऊंची चल रही हैं।
देश में उत्तर प्रदेश में पैदा होता है सबसे ज्यादा गेहूं
भारत गेहूं का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। पहले नंबर पर इस मामले में चीन है। वहीं गेहूं की खेती के बारे में बात की जाए तो पहले स्थान पर रूस, दूसरे स्थान पर अमेरिका तो वहीं तीसरे स्थान पर चीन आता है। गेहूं की खेती के मामले में भारत का नंबर चौथा है। भारत में यदि गेहूं की खेती के बारे में बात की जाए तो सबसे ज्यादा पैदावार उत्तर प्रदेश में होती है। इसके बाद मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान का नंबर आता है।

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