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डॉ. रमन सिंह निर्विरोध चुने गए विधानसभाध्यक्ष विधायकों की शपथ के साथ शीतकालीन सत्र शुरू

by Bhupendra Sahu

रायपुर। छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा का प्रथम सत्र मंगलवार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रारंभ हो गया। शपथ ग्रहण के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद सीएम विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत डॉ. रमन को आसंदी तक लेकर गए। इसके बाद रमन सिंह ने विधानसभा अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।

इससे पहले 19 से 21 दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। सत्र के पहले दिन विधानसभा के सभी 90 नव निर्वाचित विधायकों ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने सबसे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ दिलवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ी में शपथ ली। इसके बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत को शपथ दिलवाई गई। अधिकांश विधायकों ने हिंदी में शपथ ली, जबकि उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत सहित कई विधायकों ने छत्तीसगढ़ी में शपथ ली। कांग्रेस की विधायक विद्यावती सिदार, गुरु खुशवंत साहेब और प्रेमचंद पटेल ने संस्कृत में शपथ ली।

कल 20 दिसंबर को सुबह 11 बजे राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण होगा। 21 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा, वित्तीय कार्य के साथ अन्य शासकीय कार्य किए जाएंगे। इससे पहले सत्र के प्रथम दिवस सभी नव निर्वाचित विधायकों का मुख्य गेट पर पुष्प-गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधानसभा परिसर में छत्तीसगढ़ की लोक कला और लोक संस्कृति पर केंद्रित लोक नृत्यों की छटा भी देखने को मिली। नए सदस्यों के स्वागत के लिए विधानसभा परिसर को फूल माला और रंगोली से सजाया गया है। विधानसभा चौक का नए तरीके से सौंदर्यीकरण किया गया है। विधानसभा परिसर को लोककला और लोक संस्कृति युक्त चित्रों से सजाया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के पहले सत्र में 10 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश हो सकता है। यह अनुपूरक बजट तीन योजनाओं के लिए होगा। इनमें किसानों के दो साल के बकाया बोनस के लिए 2500 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तीन हजार करोड़ रुपये और महतारी वंदन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान हो सकता है।

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