Home » पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग

बिलासपुर । पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग करने वाले युवक और उसकी कथित गर्लफ्रेंड को मुंगेली पुलिस ने गिरफ्तार किया है, और उनके एक साथी की तलाश कर रही है। आरोपियों ने वन विभाग के रेंजर को किसी मामले में सीबीआई जांच में फंसाने का भय दिखाकर 1.25 करोड़ की मांग की थी। पैसे वसूली के दौरान दोनों को गिरफ्तार किया गया है। मुंगेली पुलिस जल्द ही मामले का खुलासा करेगी।
जानकारी के मुताबिक बिलासपुर से एक वेबपोर्टल चलाने वाले परमवीर मरहास और उसकी कथित गर्लफ्रेंड वर्षा तिवारी ने मुंगेली के रेंजर सी आर नेताम को किसी मामले में बड़े घोटाले में सीबीआई जांच का डर दिखाया, और भयादोहन करते हुए एक करोड़ रुपए की मांग की थी। मामले में मजेदार तथ्य है कि रेंजर सी आर नेताम जिस सरताज इरानी को अपना करीबी समझता रहा वही उसके खिलाफ मुखबिर निकला।
सीबीआई जांच का डर दिखा सवा करोड़ मांगे, 95 लाख मिल भी गए थे
दरअसल में ईरानी मोहल्ला में रहने वाला मास्टरमाइंड सरताज ईरानी रेंजर सी आर नेताम का करीबी है, इसलिए वह उसके सारे राज से वाकिफ है , जिसने पोर्टल चलाने वाले परमवीर मरहास और वर्षा तिवारी को अपने साथ मिलाकर ब्लैकमेल की योजना बनाई। इन लोगों ने रेंजर को सीबीआई कार्यवाही का डर दिखा कर उससे सवा करोड़ रुपए की मांग की थी। जिसमें से उन्हें 95 लाख रुपए दे भी दिए गए, रकम की अंतिम किश्त 5 लाख रुपये लेने बुधवार को परमवीर और वर्षा मुंगेली पहुंचे थे। लेकिन रेंजर ने उनकी शिकायत पुलिस में कर दी, और पुलिस ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया। पुलिस उनके साथी सरताज ईरानी को भी पकडऩे गई, लेकिन उसे मामले की भनक लग गई थी और वह फरार हो गया।
बताया जा रहा है, कि पूरी उगाही में सरताज की 60 फीसदी हिस्सेदारी थी। परमवीर और वर्षा तिवारी को गिरफ्तार कर टीम ने करीब 7.5 लाख रुपये नगद बरामद किए हैं। इस पूरी कार्यवाही में मुंगेली के अलावा सरगांव पुलिस की विशेष टीम जुटी हुई थी । जिन्होंने इस बड़े मामले का खुलासा किया है।
ब्लैकमेलर की छवि, ग्रामीण इलाकों में घूम-घूमकर करते थे वसूली
न्यूज पोर्टल चलाने वाले परमवीर मरहास और उसकी कथित गर्लफ्रेंड वर्षा तिवारी की छवि शुरू से ब्लैकमेलर की रही है। ये दोनों तखतपुर और मुंगेली क्षेत्र में घूम-घूमकर वसूली करते थे, इनके टारगेट में झोलाझाप डॉक्टर ज्यादा थे। जिन्हें कार्रवाई का भय दिखाकर वसूली की जाती थी। परमवीर मरहास अच्छे गायक भी हैं, इसलिए गीत संगीत का कार्यक्रम कराने के नाम पर भी दोनों वसूली करते थे। इसी दौरान इन्होंने बड़ा हाथ मारने की कोशिश की, और रेंजर से 1.25 करोड़ की मांग की, लेकिन पकड़े गए। सोचने वाली बात ये है, कि आखिर रेंजर नेताम ने ऐसा कौन सा बड़ा घोटाला किया था, जिसके एवज में वह मामूली से न्यूज पोर्टल चलाने वाले कथित पत्रकार को एक करोड़ रुपए जैसी भारी-भरकम राशि देने को भी तैयार हो गया।

Share with your Friends

Related Articles

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More