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पक्के घर से मिली नई जिंदगी : प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से बदल गया बैगा परिवार का जीवन

by Bhupendra Sahu

रायपुर जीपीएम जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बहुल गौरेला विकासखंड के ग्राम धनौली के अकलू बैगा के जीवन में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना नई रोशनी बनकर आई है। वर्षों तक मिट्टी और फूस की झोपड़ी में मौसम की मार झेलने वाले अकलू बैगा का पक्का घर बनने का सपना अब साकार हो गया है।
खेती-किसानी से किसी तरह परिवार का गुजारा करने वाले अकलू बैगा बताते हैं कि बरसात में टपकती छत, सर्दी की ठिठुरन और गर्मी की तपिश ने जीवन को कठिन बना दिया था। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण पक्का घर बनाना संभव नहीं था। मगर वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के अंतर्गत मिली स्वीकृति और वित्तीय सहायता ने उनका जीवन ही बदल दिया।
आज अकलू बैगा अपने परिवार के साथ पक्के, सुसज्जित और सुरक्षित घर में खुशहाल जीवन बिता रहे हैं। उनकी आंखों में अब आत्मविश्वास की चमक और चेहरे पर मुस्कान है। वे भावुक होकर कहते हैं, “अब मेरे परिवार को मौसम की मार से राहत मिली है। यह घर हमारे लिए सिर्फ दीवारें नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का उद्देश्य देश के ग्रामीण और वंचित वर्गों को गरिमापूर्ण आवास उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना को मिशन मोड में क्रियान्वित कर रही है, जिससे विशेषकर जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को स्थायी आवास का लाभ मिल रहा है।
गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के धनौली जैसे गांवों में अब मिट्टी की झोपड़ियों की जगह मजबूत पक्के घर नजर आ रहे हैं। यह सिर्फ निर्माण की कहानी नहीं, बल्कि एक नए आत्मविश्वास, सम्मान और सुरक्षा की कहानी है, जो प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से हर जरूरतमंद तक पहुंच रही है।

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