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भारत 5 साल में एफएंडबी, कृषि और समुद्री उत्पादों में 100 बिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को कर सकता है हासिल

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत में अगले पांच वर्षों में खाद्य एवं पेय पदार्थ (फूड एंड बेवरेज), कृषि और समुद्री उत्पाद उद्योगों में संयुक्त निर्यात 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की क्षमता है। इंडसफूड 2025 के दौरान एफएंडबी (फूड एंड बेवरेज) इंडस्ट्री के हितधारकों संग बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह लक्ष्य बहुत महत्वाकांक्षी नहीं है क्योंकि उद्योगों को 14-15 प्रतिशत की संयुक्त दर से बढऩे की जरूरत है।

उन्होंने पिछले साल भारत से 50 बिलियन डॉलर के सामान निर्यात में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) और समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को लेकर सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने एफएंडबी सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है, इसके अलावा सरकार उन लोगों के लिए आसानी से वर्क परमिट भी देती है जो भारत में काम करना या व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने भारतीय कंपनियों से इनोवेशन, बेहतर पैकेजिंग,सस्टेनेबिलिटी में निवेश करने और अपनी प्रक्रियाओं को अधिक स्वच्छ बनाने के लिए मैकेनाइज करने का आग्रह किया।
उन्होंने उपस्थित हितधारकों को पोषण पर उच्च मूल्य वाले उत्पाद लाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिनका उपयोग सरकार देश में अपने खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए कर सकती है।
फूड इंडस्ट्री में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने पर केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार खेती की प्रक्रियाओं को सस्टेनेबल बनाने को प्राथमिकता दे रही है और ऑर्गेनिक फार्मिंग और फूड प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि ऑर्गेनिक फार्मिंग में जबरदस्त विकास की संभावना है।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने यह भी कहा कि सरकार पूरे देश में फूड टेस्टिंग लैब्स का विस्तार करना चाहती है और हाई-क्वालिटी टेस्टिंग लैब सुविधाओं की स्थापना के लिए जरूरी इक्विपमेंट और प्रक्रियाओं पर सुझावों का स्वागत करेगी।
केंद्रीय मंत्री ने हितधारकों से भारत के दूसरे हिस्सों की यात्रा करने का आग्रह किया, ताकि देश में उपलब्ध अलग-अलग स्वादों और जायकों के बारे में विचार प्राप्त किए जा सकें।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारतीय एफएंडबी इंडस्ट्री और उसके साझेदार इनोवेशन पर ध्यान देते रहेंगे और देश में वैश्विक मानक लाएंगे साथ ही भारतीय उत्पादों को दुनिया भर में ले जाएंगे।

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