- बस्तर जिले को 100 करोड़ रूपए से अधिक के विकास कार्यों की दी सौगात
- कार्यक्रम में महिला समूहों को स्व-रोजगार हेतु 30 करोड़ रूपए ऋण का भी किया वितरण
रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर विकासखंड के बुरुंदवाड़ा सेमरा में लगभग 3 करोड़ 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सिरी (एमआरसी) और समृद्धि (एमआरएफ) का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने बस्तर जिले में 100 करोड़ 42 लाख 28 हजार रूपए की राशि के 195 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इसमें 24 करोड़ 44 लाख 60 हजार रूपए की लागत के 110 कार्यों का लोकार्पण तथा 75 करोड़ 98 लाख 88 हजार रूपए के लागत से 89 कार्यों का भूमिपूजन सम्मिलित है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने 7 करोड़ 12 लाख की लागत से चित्रकोट और तिरथा में इंद्रधनुष पार्क निर्माण का शिलान्यास भी किया। इस दौरान इंद्रधनुष पार्क के निर्माण की कार्ययोजना के संबंध में वीडियो के माध्यम से जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एमआरएफ और एमआरसी का पुस्तक का विमोचन किया गया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में एमआरएफ और एमआरसी सेंटर के कचरा प्रबंधन की व्यवस्था का अवलोकन किया और महिला समूह के सदस्यों द्वारा मशीनों के माध्यम से कचरा अलग करने और व्यवस्थित कर विक्रय करने के प्रक्रिया की जानकारी ली। बुरुंदवाड़ा सेमरा में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने स्वच्छता दीदियों को 83 ई-रिक्शा प्रदान किया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों को 30 करोड़ रूपए का ऋण भी वितरण किया गया। इस अवसर पूर्व सांसद श्री दिनेश कश्यप, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, पूर्व विधायक श्री संतोष बाफना, कमिश्नर श्री श्याम धावड़े, आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री विजय दयाराम के., पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य अतिथि जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
गौरतलब है कि बुरुंदवाड़ा सेमरा में जिला पंचायत, एचडीएफसी बैंक के सेंटर फॉर एनवायरमेंट एजुकेशन (सीईई) और सृष्टि वेस्ट मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के सयुंक्त साझेदारी से 03 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से निर्मित स्वच्छ केंद्र-एमआरएफ (मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी एंड मटेरियल रिसाइक्लिंग सेंटर) का संचालन किया जा रहा है। सेंटर का मुख्य उद्देश्य पारिस्थितिकी तंत्र में बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन प्रथाओं को बढ़ावा देकर परिवर्तनकारी परियोजना को व्यवहार में लाना है। साथ ही अपशिष्ट प्रबंधन मूल्य श्रृंखला में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था और एक व्यवसाय मॉडल को बढ़ावा देना है। इससे संस्था से जुड़ी महिला स्व सहायता समूह को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। जगदलपुर शहर के कचरा प्रबंधन के माध्यम से नगर निगम की स्वच्छता दीदियों से उनके सामानों की खरीदी कर आर्थिक लाभ पहुंचाना है।
परियोजना का लक्ष्य एक स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली बनाना है, जो रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देता है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सूखे और प्लास्टिक कचरे की मात्रा को कम करता है। एमआरएफ/एमआरसी विभिन्न प्रकार के अपशिष्ट पदार्थों की छंटाई, प्रसंस्करण और पुनर्चक्रण के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा, उचित निपटान सुनिश्चित करेगा और पर्यावरणीय दुष्प्रभाव को कम करेगा।