Home » हमारी सरकार ने प्रस्तुत की छत्तीसगढ़ कीनई तस्वीर: CM बघेल

हमारी सरकार ने प्रस्तुत की छत्तीसगढ़ कीनई तस्वीर: CM बघेल

by Bhupendra Sahu

रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारी सरकार ने पिछले पौने पांच सालों में छत्तीसगढ़ की नई तस्वीर प्रस्तुत की है। हमने सरकार बनते ही गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया और छत्तीसगढ़ के सभी वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं शुरू की। फलस्वरूप आज छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के साथ-साथ उद्योग और व्यापार जगत भी तेजी से फल-फूल रहे हैं। हमारी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन का परिणाम है कि नीति आयोग की रिपोर्ट में राज्य के 40 लाख लोग गरीबी रेखा से ऊपर हुए है। श्री बघेल आज एक निजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम शिखर सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि पिछले पौने पांच सालों में हमने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के ध्येय को पूरा करने के लिए काम किया है। आज छत्तीसगढ़ की पहचान नवा छत्तीसगढ़ के रूप में हो रही है। हमारी सरकार के काम-काज से यहां के किसानों, आदिवासियों, व्यापारियों और उद्योग जगत में खुशहाली आई है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपनों को पूरा करने हमने सुराजी गांव योजना शुरू की, इससे गांवों में खेती-किसानी मजबूत हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की। समर्थन मूल्य पर 107 लाख मीट्रिक टन धान खरीदकर नया रिकॉर्ड बनाया है। पहले 12 लाख किसान धान बेच रहे थे। आज 24 लाख धान बेच रहे है। देश का दो तिहाई लघु वनोपज का संग्रहण राज्य में हो रहा है।

न्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना में महिला समूहों वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में महिला समूहों को रोजगार दिया जा रहा है। गौठानों में लगभग 250 करोड़ का गोबर खरीदा गया। लगभग 6 हजार गौठान आज स्वावलंबी हो चुके हैं। आज गांव उत्पादन के केन्द्र बन गए हैं, शहर विपणन के केन्द्र, यही गांधी जी ग्राम स्वराज की संकल्पना थी। हमारी सरकार द्वारा 1 लाख 22 हजार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है। इसके अलावा युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ संस्कृति और परंपरा पर अब लोग गर्व कर रहे हैं। हमने यहां के तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश और खान-पान को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। राज्य में आदिवासी संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन के लिए अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव का आयोजन के साथ ही आदिवासी परब सम्मान निधि योजना भी शुरू की है। देवगुड़ी का विकास और घोटुल की लुप्त होती परंपरा को भी संरक्षित करने का काम किया है।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More