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मुख्यमंत्री के सचिव एवं जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने पाटन ब्लाक में ली अधिकारियों की बैठक

by admin

धान खरीदी का अंतिम चरण, रखें पुख्ता तैयारी

– धान खरीदी समेत सभी विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की

– अधिकारियों ने बताया कि अब तक जिले में 83 हजार किसानों से हुई धान खरीदी, यह रजिस्टर किये किसानों का 87 फीसदी हिस्सा

दुर्ग : मुख्यमंत्री के सचिव एवं जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने विभागीय गतिविधियों के संबंध में पाटन ब्लाक में समीक्षा बैठक ली। बैठक में धान खरीदी सहित प्रमुख विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसके बाद उन्होंने पाटन का इंग्लिश मीडियम स्कूल, आईटीआई, धान खरीदी केंद्र सिकोला एवं झीठ का अवलोकन भी किया। इस दौरान कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक, एसडीएम विनय पोयाम, जनपद सीईओ मनीष साहू सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बारदानों की पर्याप्त व्यवस्था- बैठक में सचिव ने धान खरीदी की व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि इस साल 3.62 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हो चुकी है पिछले साल 15 फरवरी तक यह खरीदी हुई थी। इस बार 95 हजार 197 किसानों ने धान खरीदी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 83 हजार किसानों ने अब तक अपना धान बेच दिया है। सचिव ने कहा कि अभी तक बहुत अच्छा काम धान खरीदी को लेकर हुआ है। अब अंतिम चरण है इसलिए पुख्ता तैयारी कर लीजिए। अधिकारियों ने बताया कि बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था है। परदेसी धान खरीदी केंद्रों में भी पहुँचे। वहाँ किसानों ने बताया कि धान खरीदी की अच्छी व्यवस्था शासन ने की है। किसी तरह की दिक्कत नहीं आई। सचिव ने समिति प्रबंधकों से धान की गुणवत्ता, बारदानों की उपलब्धता, उठाव आदि विषयों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने एसडीएम विनय पोयाम को कहा कि नियमित रूप से मानिटरिंग कर धान खरीदी के अंतिम चरण को पहले की तरह ही अच्छे से संपन्न करें।
पाटन ब्लाक में गोधन न्याय योजना का एक करोड़ बारह लाख रुपए का भुगतान- बैठक में सचिव ने पाटन ब्लाक में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। अधिकारियों ने बताया कि यहाँ हितग्राहियों को एक करोड़ बारह लाख रुपए का भुगतान किया जा चुका है। लगभग चैदह सौ वर्मी टैंक तैयार किये गए हैं एवं 602 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट इनके माध्यम से तैयार हुआ है। सचिव ने कहा कि गौठानों को ग्रामीण आजीविका केंद्र के रूप में विकसित करना है। इसके लिए अतिरिक्त गतिविधियों को प्रोत्साहित करने से यह लक्ष्य प्राप्त होगा।
आईटीआई पहुंचे- परदेसी पाटन के आईटीआई भी पहुंचे। वहां उन्होंने इलेक्ट्रिकल और फिटर ट्रेड के छात्र-छात्राओं से बातचीत की। उन्होंने यहां प्रबंधन से प्लेसमेंट की दिशा में कार्य करने के निर्देश दिये। साथ ही ऐसे ट्रेड भी जोड़ने निर्देशित किया जिनमें अभी रोजगार की संभावनाएं हैं। उन्होंने स्व. चंदूलाल चंद्राकर महाविद्यालय में रिक्त पदों के बारे में भी पूछा और कहा कि जल्द ही इनमें नियुक्तियाँ होंगी। वे पाटन स्थित इंग्लिश मीडियम स्कूल भी पहुंचे और यहाँ निर्माणाधीन कार्य देखा।
गजरा नाले में भी होगा जीर्णोद्धार कार्य- सचिव ने नरवा योजना की विशेष रूप से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए ग्रामीणों से फीडबैक जरूर प्राप्त करें क्योंकि वे परंपरागत रूप से नाले की शाखाओं के बारे में परिचित रहते हैं। अधिकारियों ने बताया कि अभी नौ नालों पर काम चल रहा है। सिल्ट हटा दी गई है। गजरा नाला जहाँ 20 साल पहले वाटर रिचार्जिंग को लेकर अहम कार्य हुआ था। उसे भी दुरुस्त किया जाएगा।

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