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एक कलाकार का सफर अकेला नहीं होता – पंकज त्रिपाठी

by admin

मुंबई । सभी लोग अपनी जिंदगी में मुख्य किरदार निभाते हैं और एक कलाकार का सफर उसका अकेले का नही होता है, उसके साथ करोड़ों लोगों का साथ होता है। यह कहना है अभिनेता पंकज त्रिपाठी का। त्रिपाठी ने कहा कि असल में मुख्य किरदार निभाने और सहायक भूमिका करने में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है। त्रिपाठी “कागज़” में मुख्य किरदार में दिखेंगे जो उनके लिए और उनके प्रशंसकों के लिए सपना साकार होने जैसा है। उनके प्रशंसक मांग कर रहे थे कि त्रिपाठी असाधारण भूमिका निभाएं। “कागज़” का निर्देशन सतीश कौशिक ने किया है।
यह भरत लाल नाम के व्यक्ति की सच्ची कहानी है जिन्हें आधिकारिक दस्तावेज़ में पर मृतक घोषित कर दिया गया था और उन्हें अपना वजूद साबित करने के लिए बरसों तक संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने उन्हें “कागज़” में लेने के लिए कौशिक को विचार देने का श्रेय अपने प्रशंसको को दिया। बता दें ‎कि साल 2020 में त्रिपाठी की कई फिल्में और शो रिलीज हुए हैं,जिनमें”गुंजन सेक्सेनाः द करगिल गर्ल”, “लुडो”, “शकीला”, मिर्जापुर 2″ और “क्रिमिनल जस्टिसः बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स” शामिल हैं। त्रिपाठी (44) ने कहा,”मेरे ख्याल से हम सभी लोग अपनी जिंदगियों में अलग अलग रूप में मुख्य किरदार निभाते हैं।” अभिनेता ने कहा,”जो सभी चरित्र मैं निभाता हूं, वे मेरे लिए मुख्य किरदार होते हैं, चाहे ‘स्त्री’ में लाइब्रेरियन हो या ‘न्यूटन’ में सीआरपीएफ का अधिकारी। कुछ मर्तबा लोग ‘चरित्र अभिनेता’ लिखते हैं, यह शब्द मुझे पसंद नहीं है, क्योंकि सभी किसी फिल्म में एक चरित्र निभाते हैं। “उन्होंने कहा,”मैं मुख्य भूमिका निभाने के लिए बेकरार नहीं था लेकिन हम मुंबई में चाचा और मौसा की भूमिकाएं निभाने के लिए नहीं आते हैं।””कागज़” में उनके साथ मोनल गुज्जर काम कर रही हैं जो दक्षिण भारत की फिल्मों में नजर आती हैं।
त्रिपाठी ने कहा,”मेरे ख्याल से सिनेमा के मेरा सफर मेरे अकेले का नहीं है। यह देश के अलग अलग हिस्सों के करोड़ों लोगों का भी सफर है जो अपने जुनून को पूरा करने के सपने देखते हैं और अपने चुने हुए क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं।’ मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे किसी कहानी में मुख्य भूमिका निभाने का मौका मिलेगा।” त्रिपाठी ने कहा,”मेरे ख्याल से मेरे यह साल (2020) एक बेहतरीन वर्ष था। हालांकि कोरोना वायरस की वजह से यह पूरी दुनिया के लिए खराब साल था। मुझे छुट्टी चाहिए थी जो मुझे आखिरकार लॉकडाउन में मिली।” त्रिपाठी ने कहा, ” लोग कहते हैं कि कम करो लेकिन अच्छा करो, लेकिन सौभाग्य से मैंने कई सारी फिल्में और शो किए और उनमें अच्छा काम किया।”

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