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भारत और नॉर्वे द्विपक्षीय व्यापार व निवेश संबंधों को करेंगे मजबूत

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे के साथ चर्चा के बाद कहा कि भारत और नॉर्वे अपनी व्यापार और निवेश साझेदारी को मजबूत करना चाहते हैं।
दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने तथा प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
अपनी बातचीत के दौरान उन्होंने कार्यबल गतिशीलता और कौशल विकास में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे दोनों देशों के लिए नए अवसर पैदा हो सकते हैं।
गोयल ने कहा, भारत और नॉर्वे व्यापार संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ा सकते हैं और अगले दशक में द्विपक्षीय व्यापार को दस गुना बढ़ाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।
भारतीय मंत्री ने ईएफटीए-टीईपीए (यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ – व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता) और इसकी निवेश प्रतिबद्धताओं के महत्व पर भी जोर दिया तथा भारत-नॉर्वे व्यापार संबंधों के लिए इसके संभावित लाभों पर प्रकाश डाला।
गोयल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हमारे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को गहरा करने, कौशल विकास और कार्यबल गतिशीलता में सहयोग बढ़ाने, ईएफटीए-टीईपीए के महत्व और इसकी निवेश प्रतिबद्धताओं पर चर्चा की गई।
मंत्रियों ने वैश्विक व्यापार मुद्दों, विश्व व्यापार संगठन सुधारों तथा उभरते भू-राजनीतिक और आर्थिक रुझानों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
उन्होंने उच्च स्तरीय व्यावसायिक संबंधों को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि की, जिससे पारस्परिक विकास और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिल सके।
केंद्रीय मंत्री ने दोनों देशों के व्यवसायों से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय योगदान देने का भी आग्रह किया।
इस बीच, ईएफटीए ने अगले 15 वर्षों में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ाने तथा ऐसे निवेशों के माध्यम से भारत में 1 मिलियन प्रत्यक्ष रोजगार के सृजन को सुगम बनाने के उद्देश्य से निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
निवेश में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश शामिल नहीं है। ईएफटीए अपनी टैरिफ लाइनों का 92.2 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो इस क्षेत्र में भारत के 99.6 प्रतिशत निर्यात को कवर करता है।
ईएफटीए की बाजार पहुंच पेशकश में 100 प्रतिशत गैर-कृषि उत्पाद तथा प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों (पीएपी) पर टैरिफ रियायत शामिल है।
समझौते के तहत भारत अपनी टैरिफ लाइनों का 82.7 प्रतिशत प्रदान कर रहा है, जो ईएफटीए निर्यात का 95.3 प्रतिशत कवर करता है, जिसमें से 80 प्रतिशत से अधिक आयात सोने का है।

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