Home » पोषण अभियान के लिए छत्तीसगढ़ को फिर मिली सराहना…

पोषण अभियान के लिए छत्तीसगढ़ को फिर मिली सराहना…

by Bhupendra Sahu
  • श्रीमती भेंड़िया ने महिलाओं में एनीमिया तथा शिशु मृृत्यु दर में कमी लाने के लिए साझा प्रयास पर जोर दिया

रायपुर । मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने आंगनबाड़ी भवन, आंगनबाड़ीआजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी की अध्यक्षता में राजधानी रायपुर के सेरीखेड़ी स्थित एक होटल में आयोजित सब जोनल मीटिंग में महिलाओं और बच्चों के लिए छत्तीसगढ़ में संचालित हो रहे कामों को सराहना मिली। केन्द्रीय सचिव इंदिवर पाण्डे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पोषण अभियान में अच्छा काम हुआ है। रायपुर के सखी संेटर को भी नारी शक्ति सम्मान मिल चुका है। देश में मनाए जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आगामी 25 वर्षों के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बैठक का आयोजन किया गया था।

बैठक में महिलाओं और बच्चों के लिए किए गए कामों, उपलब्धियों और आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की गई। छत्तीसगढ़ की महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने बैठक में आंगनबाड़ी भवनों के निर्माण, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में वृद्धि और मॉडल आँगनबाड़ी भवनों के लिए केंद्रीय सहयोग की मांग की। उन्होंने योजनाओं और कार्यक्रमों के विस्तार और सुचारू संचालन के लिए केन्द्रीय सहायता की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के बाद राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार….’ से किया गया। बैठक में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई, सांसद श्रीमती छाया वर्मा और छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम भी उपस्थित थीं। छत्तीसगढ़ के साथ पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्य के जन प्रतिनिधिगण, उच्च अधिकारीगण और यूनिसेफ सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, हितग्राही भी सब जोनल मीटिंग में शामिल हुए।

श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि यह खुशी का विषय है कि छत्तीसगढ़ में हम महिलाओं और बच्चों के मुद्दे पर अब तक किए गए काम और आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए एकत्र हुए हैं। हमारी बड़ी चिंता कुपोषण है। महिलाओं में एनीमिया तथा शिशु मृृत्यु दर में कमी लाने के लिए एक साझा प्रयास की जरूरत है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार कुपोषण और एनीमिया में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना का संचालन कर रही है। सरकार और समाज की सहभागिता का यह अनूठा प्रयास है, जिससे 2020 की तुलना में कुपोषण में 4 प्रतिशत की कमी आयी है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ सर्वेक्षण-4 की तुलना में सर्वेक्षण-5 के आंकड़े देखें तो कुपोषण की दर में लगभग 5 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने निर्धन कन्या के विवाह के लिए खर्च की जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर प्रति कन्या 25 हजार रूपए कर दिया गया है। योजना के तहत लगभग 1 लाख से अधिक कन्याओं का विवाह कराया गया है।

श्रीमती भेंड़िया ने बताया कि प्रदेश में 80 प्रतिशत आंगनबाड़ी केन्द्र स्वयं के भवन में संचालित है। स्थल व केन्द्रीय सहायता के अभाव के कारण शहरी क्षेत्रों में भवन निर्माण में कठिनाई हो रही है। प्रदेश में 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल और नर्सरी स्कूल केन्द्र के रूप में उन्नयन किया जा रहा है। आंगनबाड़ियों के उन्नयन के लिए विशेष केन्द्रीय सहायता उपलब्ध कराने से अधिक से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल आंगनबाड़ी केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 2 हजार रूपए और सहायिकाओं को 1 हजार रूपए अतिरिक्त मानदेय दे रही है। बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए उनके मानदेय में 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन की व्यवस्था के लिए गैस कनेक्शन और सब्सिडी देने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी भवन निर्माण की लागत में संशोधन की आवश्यकता है। मनरेगा और अन्य वित्तीय साधनों से निर्मित होने वाली आंगनबाड़ी भवनों की लागत में 2013 के बाद कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। जबकि केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग और राज्य स्तर पर एसओआर की दरों में परिवर्तन हो चुका है।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More