रायपुर कृषि विश्वविद्यालय रायपुर में “जैवनियंत्रण एजेंट्स के व्यापक प्रसार (Mass Multiplication of Biocontrol Agents)” पर हैंड्स-ऑनट्रेनिंग का आयोजन छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CGCOST) रायपुर के वित्तीय सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विशेषज्ञों ने छात्रों को कृषि के बदलते स्वरूप और जैविक उपायों के महत्व से अवगत कराया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को जैविक कीट नियंत्रण के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराना था। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। डॉ. चंदेल ने कहा कि हमें ब्राज़ील के उदाहरण से सीखना चाहिए, जहाँ मच्छरों के नियंत्रण के लिए जैव नियंत्रण एजेंट्स का सफल उपयोग किया गया है। उन्होंने रासायनिक पदार्थों के उपयोग को कम करने और सामुदायिक स्तर पर जैविक नियंत्रण के उपाय अपनाने का आह्वान किया।
कार्यशाला में डॉ. संजय शर्मा अधिष्ठाता छात्र कल्याण ने कहा कि आज की कृषि पूरी तरह बाजार-केन्द्रित हो चुकी है, और जैव नियंत्रण एजेंट्स उद्यमिता (entrepreneurship) के लिए एक उत्कृष्ट मंच साबित हो सकते हैं। डॉ. आरती गुहे अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे आज अर्जित किए गए ज्ञान को आगे साझा करने के माध्यम बनें, ताकि यह जानकारी समाज के अन्य सदस्यों तक पहुँच सके। छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (CGCOST) के प्रतिनिधि डॉ. अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि ऐसे शोध एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन बार-बार किया जाना चाहिए, जिससे छात्रों के साथ-साथ कृषक समुदाय को भी नई तकनीकों की जानकारी मिल सके। कार्यक्रम में डॉ. एस. एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार सेवाएं भी मौजूद थे। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यशाला में छत्तीसगढ़ के 20 विभिन्न महाविद्यालयों से 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्रों के लिए न केवल एक शैक्षणिक अनुभव रहा, बल्कि टिकाऊ कृषि और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम भी साबित हुआ।