Home » पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें: CM विष्णु देव साय

पढ़ाई की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें: CM विष्णु देव साय

by Bhupendra Sahu

रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि शिक्षा उन्नति का मूल मंत्र है। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। यह सुनिश्चित करें कि स्कूलों में अनुशासन बना रहे। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी मैदानी स्तर पर जाकर स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग करें। कलेक्टर भी हर माह दो से तीन स्कूलों का दौरा कर वहां निरीक्षण करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन और पारदर्शी प्रशासन हमारा लक्ष्य है। राज्य सरकार का यह प्रयास होगा कि बच्चों को स्कूल का बेहतर भवन मिले और वहां पढ़ाई-लिखाई की अच्छी व्यवस्था सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने स्कूलों के जीर्णोद्धार कार्य की धीमी गति पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि जर्जर स्कूलों के जीर्णाेंद्धार के काम में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर स्कूल भवनों की सुदृढ़ता की स्वंय मानिटरिंग करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जर्जर स्कूलों के जीर्णाेंद्धार के लिए प्रारंभ की गई स्कूल जतन योजना के तहत जीर्णाेंद्धार कार्याें की जांच की जाए तथा स्कूल जतन योजना में आबंटित राशि का उपयोग कर कार्यों को पूरा किया जाए। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षकों और शालाओं के युक्ति-युक्तकरण के लिए प्रस्ताव अगले कैबिनेट की बैठक मंे प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि इससे शालाओं में शिक्षकों की कमी दूर करने में मदद मिलेगी। बैठक में मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत और डॉ. बसवराजू एस., स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में ‘‘एक पेड़ मां के नाम‘‘ लगाने का आव्हान किया है। बारिश के मौसम में ऐसे स्कूल जहां चार दीवारी हो, वहां बच्चों से पेड़ लगवाए जाएं। बच्चे ही पेड़ों की देखभाल करें। नीम, गुलमोहर, करंज आदि प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षण नीति तैयार की जाए, ताकि सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों से बच्चों के पालकों को भी जोड़ा जाए। छत्तीसगढ़ के शासकीय स्कूलों में इस वर्ष पहली बार 6 अगस्त को प्रदेशव्यापी मेगा-पीटीएम आयोजित किया जा रहा है।
आरटीई के तहत ड्राप आउट रोकने मेंटॉर होंगे नियुक्त
छत्तीसगढ़ में आरटीई के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के ड्राप आउट पर अंकुश लगाने के लिए जिलेवार अधिकारियों को मेंटॉर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इस संबंध में स्कूल शिक्षा सचिव ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है। मेंटॉर के रूप में नियुक्त अधिकारी आरटीई के तहत चयनित विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित करेंगे। बच्चों को यदि कोई समस्या आती है तो उनके पालकों, शाला प्रबंधन और प्रशासन से मिलकर उसका समाधान करेंगे और पढ़ाई जारी रखने के लिए बच्चों और उनके पालकों को प्रोत्साहित करेंगे।
व्यावसायिक शिक्षा: बच्चों की स्किलिंग उद्योगों की जरूरत के मुताबिक हो
मुख्यमंत्री ने स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम को बेहतर गुणवत्ता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बच्चों की स्किलिंग इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हो, ताकि बारहवीं पास करने के बाद उन्हें वर्तमान और नए लगने वाले उद्योगों में आसानी से रोजगार के अवसर मिल सके। बच्चों को इसकी फिल्ड ट्रेनिंग भी दी जाए। गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत कक्षा 6 से व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
बैठक में जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में छात्र-शिक्षक अनुपात राष्ट्रीय स्तर से बेहतर है। राष्ट्रीय स्तर पर 26 बच्चों पर एक शिक्षक है, जबकि छत्तीसगढ़ में छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 है। बालवाड़ी के संबंध में जानकारी दी गई कि 5 से 6 आयु वर्ग के बच्चों के लिए प्रदेश में 9,438 बालवाड़ियां संचालित है। इस वर्ष 1132 बालवाड़ी प्रारंभ की जानी है। पीएम श्री योजना की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि प्रथम चरण में प्रदेश में यह योजना 211 स्कूलों में प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड तथा नगरीय निकायों से एक-एक स्कूल का चयन कर उसे मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस योजना में 198 स्कूलों में इस योजना को प्रारंभ करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। स्कूलों में बेहतर अधोसंरचना के साथ किचन-गार्डन, एआई रोबोटिक्स, आईसीटी लैब की सुविधा के साथ ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि इस बार अधिकांश स्कूलों में समर कैम्प का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों और शिक्षकों ने उत्साह से भाग लिया।
विद्या समीक्षा केन्द्र के संबंध में बैठक में बताया गया कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हितग्राहीमूलक योजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु विद्या समीक्षा केन्द्र बनाया गया है। चरणबद्ध रूप से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की उपस्थिति की ऑनलाईन मॉनिटरिंग, विद्यार्थियों के मूल्यांकन, मध्यान्ह भोजन योजना, शिक्षकों की पदोन्नति-स्थानांतरण, अवकाश आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। डाटा विश्लेषण हेतु सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए आईआईटी भिलाई के साथ एमओयू किया गया है। बैठक में प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा श्री संजीव झा, संचालक लोक शिक्षण श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा, संचालक एससीईआरटी श्री राजेन्द्र कटारा, पाठ्यपुस्तक निगम के संचालक श्री कुलदीप शर्मा भी उपस्थित थे।

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More