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चुनाव जीतने के बाद पहली बार संसद पहुंचे ‘सांसद’, ये कैसे डिसाइड होगा कि कौन कहां बैठेगा?

by Bhupendra Sahu

 

आज से 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब सांसद पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं, जहां वे सांसद पद की शपथ ले रहे हैं, जिसके बाद सदन के आधिकारिक सदस्य हो जाएंगे. आपने देखा होगा कि जब भी संसद सत्र चलता है तो सांसद एक तय स्थान पर बैठे रहते हैं.तो क्या आप जानते हैं उनकी ये सीट कौन तय करता है और ये किस आधार पर तय की जाती है? या फिर सांसद अपने हिसाब से कोई भी सीट ले लेते हैं…

कौन कहां बैठता है?
आपको बता दें कि संसद में किसी भी सांसद के बैठने की सीट उसकी पार्टी की संख्या के आधार पर तय होती है. उसकी पार्टी के जितने ज्यादा सांसद होते हैं, उसके हिसाब से सांसदों को सीट दी जाती है. संसद में बैठने के लिए कई ब्लॉक्स होते हैं और पार्टी के सदस्यों की संख्या के आधार पर उनके ब्लॉक्स तय होते हैं. अगर किसी पार्टी के 5 से ज्यादा सांसद हैं तो उनके लिए अलग व्यवस्था होती है, जिन सासंदों के 5 से कम सांसद होते हैं, उनकी अलग व्यवस्था होती है. इसके बाद निर्दलीय सांसदों को जगह दी जाती है.

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