नईदिल्ली। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन अशोक मीणा ने कहा कि सरकार जरूरत पडऩे पर गेहूं की कीमत पर लगाम लगाने के लिए आयात शुल्क घटाने से लेकर भंडार से गेहूं जारी करने सहित हर संभव उपाय करेगी।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली व अन्य योजनाओं की जरूरतें पूरी करने के बाद निगम के पास 87 लाख टन गेहूं और 292 लाख टन चावल का अतिरिक्त भंडार है, जिससे खुदरा कीमत में कमी लाने की जरूरत महसूस होने पर हस्तक्षेप किया जा सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में एफसीआई ने खुले बाजार में बिक्री के माध्यम से एक साल में अधिकतम 70 लाख टन अनाज बेचकर हस्तक्षेप किया है। मीणा ने कहा, ‘हम गेहूं और चावल के खुदरा दाम पर नजर रख रहे हैं और साथ ही व्यापारियों के पास अनाज के भंडारण के खुलासे के लिए एक पोर्टल बना रहे हैं। गेहूं और चावल की खुले बाजार में बिक्री तब तक जारी रहेगी, जबतक इसकी खुदरा कीमत नियंत्रण में नहीं आ जाती है।Óभारत ने इस समय गेहूं के आयात पर करीब 40 प्रतिशत आयात शुल्क लगा रखा है।
पिछले सप्ताह सरकार ने स्टाक रखने की सीमा तय की थी और साथ ही अपने भंडार से 15 लाख टन गेहूं जारी करने का फैसला किया था, जिससे कीमतों पर लगाम लगाई जा सके। बहरहाल सरकार के कदमों का अब तक कोई बड़ा असर नहीं पड़ा है। छोटे प्रसंस्करणकर्ताओं और ट्रेडरों को गेहूं बेचे जाने की प्रक्रिया के बारे में मीणा ने कहा कि जिनके पास जीएसटी नंबर है, वही ई-नीलामी में हिस्सा लेने के पात्र होंगे।
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