नई दिल्ली। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), भारत की सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी, ने 2025 में अपने वैश्विक कर्मचारियों में से लगभग 2 प्रतिशत यानी 12,261 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बनाई है. यह छंटनी मुख्य रूप से मध्य और वरिष्ठ स्तर के कर्मचारियों को प्रभावित करेगी. 30 जून 2025 तक कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या 6,13,069 थी, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में टीसीएस ने 5,000 नए कर्मचारियों की भर्ती भी की है.
यह निर्णय टीसीएस की ‘फ्यूचर-रेडीÓ रणनीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत कंपनी तकनीकी नवाचार, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बड़े पैमाने पर कार्यान्वयन, नए बाजारों में विस्तार और कार्यबल के पुनर्संरचना पर विशेष ध्यान दे रही है. कंपनी ने पुन: कौशलीकरण और पुनर्नियोजन के कई पहल शुरू किए हैं, ताकि कर्मचारियों को बदलते कारोबारी माहौल के अनुसार तैयार किया जा सके.
टीसीएस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के. कृतिवासन ने बताया कि वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के कारण आईटी क्षेत्र में मांग में कमी आई है, जिससे राजस्व वृद्धि सीमित हो गई है. उन्होंने वित्त वर्ष 26 में दो अंकीय राजस्व वृद्धि की संभावना को कम बताया और कहा कि ग्राहक निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं, जो इस परिदृश्य को प्रभावित कर रहा है.
वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो 2025-26 की पहली तिमाही में टीसीएस ने 63,437 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 5.9 प्रतिशत बढ़कर 12,760 करोड़ हुआ.
वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो 2025-26 की पहली तिमाही में टीसीएस ने ?63,437 करोड़ का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक है. इसी अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 5.9 प्रतिशत बढ़कर ?12,760 करोड़ हुआ.
छंटनी प्रक्रिया में प्रभावित कर्मचारियों को उचित लाभ, आउटप्लेसमेंट, काउंसलिंग और अन्य सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनकी पुन:रोजग़ार की प्रक्रिया सहज हो सके.
आर्थिक मंदी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकी प्रगति के कारण नौकरी के स्वरूप में बदलाव आई है, जिसके चलते कंपनियां अपने कार्यबल को पुन:संतुलित कर रही हैं.