० 107 पीडि़तों को 3.69 करोड़ की राशि वापस दिलाई गई
० भाजपा के सुनील सोनी, अनुज शर्मा, राजेश मूणत एवं अजय चंद्राकर ने बढ़ते साइबर अपराधों पर जताई चिंता
रायपुर । प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि छग सरकार साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। अभी तक कुल 107 प्रकरणों में 3.69 करोड़ की राशि पीडि़तों को दिलाई गई है। राज्य में शीघ्र आईटी पेशेवर साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। विधानसभा में आज सत्तारूढ़ दल के सुनील सोनी अनुज शर्मा एवं राजेश मूणत द्वारा राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता जताई। सुनील सोनी ने पूरक प्रश्र के माध्यम से पूछा कि इसमें बैंक अधिकारियों की भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि दोषी लोगों पर क्या कार्रवाई की जा रही है तथा रकम दिलाने के लिए क्या प्रयास किये जा रहे है। भाजपा के राजेश मूणत ने पूरक प्रश्र के माध्यम से जानना चाहा कि साइबर चालान किये जा रहे है जिसके तहत फर्जीवाड़ा हो रहा है इसके लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है। वहीं भाजपा के ही अनुज शर्मा ने कहा कि बौद्धिक संपदा की चोरी के लिए कोई कानून नहीं है इसके लिए चक्कर काटना पड़ता है तथा थानेदार घुमाते रहते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि राज्य में साइबर अपराध को रोकने के लिए एक राज्य पुलिस थाना एक रेंज स्तर पर साइबर थानों को खोलने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा कि रायपुर में साइबर अपराध रोकने के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे सीडेक, सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस एकेडमी के माध्यम से पुलिस अधिकारियों कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। गृह मंत्रालय भारत के निर्देशानुसार साइबर अपराध से लडऩे के लिए साइबर कमांडो योजना के तहत राज्य में राजपत्रित अधिकारी तथा पांच अन्य अधिकारी कर्मचारी प्रशिक्षित किये गये है। अपराध में संलिप्त शिम कार्ड तथा आई ई एम आई नंबरों को अवरूद्ध किया जा रहा है। साइबर अपराध को रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान संचालित किये जा रहे है। भाजपा के ही अजय चंद्राकर ने कहा कि साइबर कमांडो की भूमिका पर प्रश्र उठाया। गृहमंत्री ने कहा कि वे अपना काम कर रहे हैं।
रकम वापस किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं
गृहमंत्री ने सदन में बताया कि साइबर अपराध के पीडि़तों को अविलंब शिकायत दर्ज किये जाने की सुविधा प्रदान करने के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोटिंग पोर्टल संचालित है। राज्य में साइबर क्राइम हेल्पलाईन नंबर १९३० का आधुनिक कॉल सेंटर २४बाई७ संचालित है। कॉल सेंटर में कार्यरत प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा बैं, ई वालेट औरभुगतान गेटवे के नोडल अधिकारियों से सीधे समन्वय स्थापित कर संदिग्ध लेनदेन को हेल्ड करवाया जाता है। साइबर अपराध के दर्ज प्रकरणों में न्यायालयों के आदेशानुसार रकम वापसी की कार्रवाई की जाती है। ०१ जनवरी २०२४ से २० जून २०२५ तक की अवधि में राज्य में ३.६९ करोड़ की राशि, पीडि़तों को सफलतापूर्वक वापस कराई गई है।