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आयकर विभाग ने कटौतियों और छूटों के फर्जी दावों पर की कार्रवाई : केंद्र

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग ने देश भर में कई जगहों पर बड़े पैमाने पर वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य आयकर रिटर्न (आईटीआर) में कटौती और छूट के फर्जी दावों को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं पर नजर रखना है।
150 कैंपस में चल रहे वेरिफिकेशन अभियान से डिजिटल रिकॉर्ड सहित महत्वपूर्ण साक्ष्य मिलने की उम्मीद है, जो इन योजनाओं के पीछे के नेटवर्क को खत्म करने और कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।
जांच में कुछ आईटीआर तैयार करने वालों और बिचौलियों द्वारा संचालित संगठित रैकेट का पर्दाफाश हुआ है, जो फर्जी कटौती और छूट का दावा करते हुए रिटर्न दाखिल कर रहे थे।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, इन धोखाधड़ी वाली फाइलिंग में लाभकारी प्रावधानों का दुरुपयोग शामिल है, कुछ लोग अत्यधिक रिफंड का दावा करने के लिए झूठे टीडीएस रिटर्न भी जमा करते हैं।
यह कार्रवाई आयकर अधिनियम, 1961 के तहत कर लाभों के दुरुपयोग के विस्तृत विश्लेषण के बाद की गई है, जो अक्सर पेशेवर बिचौलियों की मिलीभगत से किया जाता है।
संदिग्ध पैटर्न की पहचान करने के लिए, आयकर विभाग ने थर्ज पार्टी स्रोतों, जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी और एडवांस एआई उपकरणों से प्राप्त वित्तीय आंकड़ों का लाभ उठाया है।
महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश में हाल ही में की गई तलाशी और जब्ती की कार्रवाइयों से इन निष्कर्षों की पुष्टि होती है, जहां विभिन्न समूहों और संस्थाओं द्वारा धोखाधड़ी के दावों के सबूत पाए गए।
आधिकारिक बयान के अनुसार, विश्लेषण से धारा 10(13ए), 80जीजीसी, 80ई, 80डी, 80ईई, 80ईईबी, 80जी, 80जीजीए और 80डीडीबी के तहत कटौतियों के दुरुपयोग का पता चलता है। बिना किसी वैध औचित्य के छूट का दावा किया गया है। इसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सार्वजनिक उपक्रमों, सरकारी निकायों, शैक्षणिक संस्थानों और उद्यमियों के कर्मचारी शामिल हैं।
पिछले एक वर्ष में, आयकर विभाग ने संदिग्ध करदाताओं को अपने रिटर्न संशोधित करने और सही कर का भुगतान करने के लिए प्रेरित करने हेतु एसएमएस और ईमेल परामर्श सहित व्यापक संपर्क प्रयास किए हैं। कैंपस के अंदर और बाहर, फिजिकल आउटरीच प्रोग्राम भी आयोजित किए गए हैं।
परिणामस्वरूप, पिछले चार महीनों में लगभग 40,000 करदाताओं ने अपने रिटर्न अपडेट किए हैं और स्वेच्छा से 1,045 करोड़ रुपये के झूठे दावे वापस ले लिए हैं। हालांकि, कई लोग अभी भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा, आयकर विभाग अब लगातार धोखाधड़ी वाले दावों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए तैयार है।

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