नईदिल्ली। होंडा सिटी, भारतीय सेडान बाजार का एक प्रमुख खिलाड़ी, अप्रैल 2025 में बिक्री में 50त्न से अधिक की भारी गिरावट का सामना कर रहा है, जो सिर्फ 406 यूनिट्स तक सीमित रही। यह आंकड़ा एक चिंताजनक व्यावसायिक प्रवृत्ति को दर्शाता है, जो भारतीय ऑटोमोटिव बाजार में ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं की ओर इशारा करती है। पारंपरिक रूप से सेडान को पसंद करने वाले भारतीय अब अधिक स्पेस, बेहतर ग्राउंड क्लीयरेंस और ऊँची राइडिंग पोजीशन वाली एसयूवी की ओर रुख कर रहे हैं।
यह बदलाव होंडा सिटी जैसे स्थापित मॉडलों के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करता है। होंडा सिटी का मुकाबला मारुति सुजुकी सियाज, हुंडई वरना, स्कोडा स्लाविया और फॉक्सवैगन वर्टस जैसी मजबूत प्रतिस्पर्धियों से है। मारुति सियाज ने पहले ही होंडा सिटी को बिक्री में पीछे छोड़ दिया है, जो इस बात का संकेत है कि सिटी को अपनी उत्पाद रणनीति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि होंडा सिटी की बिक्री में गिरावट का एक कारण इसकी प्रतिस्पर्धी कारों के मुकाबले कम फीचर्स और उच्च कीमत भी हो सकता है। यह दर्शाता है कि मूल्य प्रस्ताव के मामले में होंडा को अपनी पेशकशों को फिर से कैलिब्रेट करना होगा। घरेलू बिक्री में होंडा कार्स इंडिया को भी अप्रैल 2025 में 22.75त्न की गिरावट का सामना करना पड़ा, जो कंपनी के लिए एक व्यापक चुनौती है।
कंपनी ने बाजार की कमजोर स्थिति और ग्राहकों की कम मांग को इस गिरावट का कारण बताया है, साथ ही डीलरों के पास इन्वेंट्री को नियंत्रित करने के लिए डिलीवरी में भी कमी की है। यह एक जोखिम भरी रणनीति हो सकती है, क्योंकि यह संभावित खरीदारों को निराश कर सकती है। होंडा को इस बदलते बाजार परिदृश्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए नवाचार और आक्रामक विपणन पर ध्यान देना होगा।
नए वेरिएंट्स, अधिक आकर्षक फीचर्स, और संभावित रूप से, एक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण रणनीति होंडा सिटी को इस सेगमेंट में फिर से स्थापित करने में मदद कर सकती है। यदि कंपनी अपनी वर्तमान रणनीति पर कायम रहती है, तो सेडान बाजार में उसका दबदबा और भी कम हो सकता है।
