दिल्ली। भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता पिछले एक दशक में 2014 में 4,780 मेगावाट से लगभग दोगुनी होकर 2024 में 8,180 मेगावाट हो गयी है। यह जानकारी आज लोक सभा में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने परमाणु ऊर्जा पर चर्चा के जवाब में दी।
उन्होंने भारत के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम की महत्वपूर्ण प्रगति और भविष्य की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रमुख विकासों पर विस्तार से चर्चा की और परमाणु ऊर्जा उत्पादन में अधिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप की रूपरेखा प्रस्तुत की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के बिजली वितरण ढांचे में संशोधन पर जोर दिया, जिसके तहत परमाणु संयंत्रों से बिजली में गृह राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50% कर दी गई है, जिसमें से 35% पड़ोसी राज्यों को और 15% राष्ट्रीय ग्रिड को आवंटित किया जाएगा। यह नया फॉर्मूला संसाधनों का समान वितरण सुनिश्चित करता है और राष्ट्र की संघीय भावना को दर्शाता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2014 में 4,780 मेगावाट से लगभग दोगुनी होकर 2024 में 8,180 मेगावाट हो गई है। उन्होंने कहा कि 2031-32 तक क्षमता तीन गुनी होकर 22,480 मेगावाट होने का अनुमान है, जो भारत की परमाणु ऊर्जा अवसंरचना को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।