Home » ओडिशा पर्व के दौरान बोले पीएम मोदी… नेक नियत से काम करने वालों का ईश्वर खुद करते हैं नेतृत

ओडिशा पर्व के दौरान बोले पीएम मोदी… नेक नियत से काम करने वालों का ईश्वर खुद करते हैं नेतृत

by Bhupendra Sahu

नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली में आयोजित ओडिशा पर्व सेलिब्रेशन कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान पीएम मोदी ओडिशा की हस्तकला प्रदर्शन में भी पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी ने वहां उपस्थित लोगों को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को ओडिया संस्कृति के महाकुंभ ओडिशा पर्व की शुभकामनाएं भी दी. पीएम मोदी ने कहा कि इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है. मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं भक्त दासिया वाबरी जी, भक्त सालवेग जी, ओडिया भागवत की रचना करने वाले श्रीजगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं. ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वार भारत को जीवंत रखे हुए हैं. जिसमें उसकी बहुत बड़ी भूमिका है. पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा हमेशा से संतो और विद्वानों की धरती रही है. सरल महाभारत, ओडिया भागवत, हमारे धर्मग्रंथों को जिस तरह से यहां के विद्वानों ने लोकसभा में घर-घर पहुंचाया. जिस तरह ऋषियों के विचारों को जन-जन को जोड़ा उसने भारत की सांस्कृति समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है.

पीएम मोदी ने कहा कि ओडिया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है. मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है. महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था, तब युद्ध भूमि की ओर जाते समय महाप्रभु जगन्नाथ ने अपनी भक्त माणिकया गौरडिक के हाथों से दही खाई थी. ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है ये हमें सिखाती है कि हम नेक नियत से काम करें तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि हमेशा हर समय हर हालत में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा प्लस वन होते हैं. पीएम मोदी ने कहा प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं. ओडिशा के संत कवि हिम बोई ने कहा था कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों न उठाने पड़े लेकिन जगत का उद्धार हो, यहीं ओडिशा की संस्कृति है.

००

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More