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राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने की मांग

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । वरिष्ठ पत्रकार पदम मेहता ने अपने दिल्ली प्रवास में केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से भेंट कर संसद के प्रस्तावित बजट सत्र में राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने का पुनः अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि एक बार फिर संयोग से संसद के दोनों सदनों राज्य सभा और लोकसभा के सभापति राजस्थान के हैं और कानून मन्त्री सहित प्रधान मन्त्री नरेन्द्र मोदी की मन्त्रिपरिषद में राजस्थान का अच्छा खासा प्रतिनिधित्व है, ऐसे में इस सुनहरे अवसर से मान्यता के लिए पुरजोर प्रयास किया जाता है तो प्रस्तावित बजट सत्र में राजस्थानी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का विधेयक आसानी से पारित हो सकता है। श्री मेहता ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी भेंट की ।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री शेखावत को राजस्थानी भाषां की मान्यता के संबंध में विस्तृत जानकारी युक्त ज्ञापन देते हुए मेहता ने उनसे कहा कि राजस्थान विधानसभा 21 वर्ष पूर्व सर्वसम्मति से इस हेतु संकल्प पारित कर केंद्र सरकार को भेज चुकी है। समय-समय पर राजस्थान के मुख्यमंत्रियों एवं सांसदों ने भी इस संबंध में आवाज उठाई है । साथ ही उन्हें यह भी बताया कि यह समृद्ध भाषा मान्यता की अन्य सभी शर्ते भी पूरी करती है। देश विदेश में राजस्थानी भाषा को विभिन्न अकादमियों और शैक्षणिक संस्थाओं ने भी मान्यता दे रखी है। प्रदेश ही नहीं देश की अकादमिक परीक्षाओं में भी इसे शामिल किया हुआ है। राजस्थानी भाषा बोलने वाले दस करोड़ लोग भारत के विभिन्न हिस्सों और विश्व के हर देश में मौजूद हैं।

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