नई दिल्ली । पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि भारत को बदनाम करने और इसकी संस्कृति का अपमान करने के लिए विपक्ष, विशेषकर डीएमके की आलोचना की। उन्होंने तमिलनाडु में जय श्री राम और भारत माता की जय जैसे नारों को खारिज करने वाली हालिया विवादास्पद टिप्पणियों पर प्रकाश डाला। प्रसाद ने किसी भी धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के विपक्ष के अधिकार पर सवाल उठाया और चुप रहने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हिंदू पहचान पर सवाल उठाने वाले लालू यादव की टिप्पणियों का भी जवाब दिया।
रवि शंकर प्रसाद ने इंडी गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा कि भारत को बदनाम करना विपक्षी गठबंधन की फितरत बन चुकी है। और भारतीय संस्कृति एवं आस्था को सार्वजनिक रूप से अपमानित करना उनका राजनीतिक अजेंडा बन गया है। इंडी गठबंधन की पार्टी डीएमके के मंत्री उधयानिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को लेकर जो टिप्पणी की थी, उसके मामले में राहत की मांग के लिए वह कल सर्वोच्च न्यायालय गए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हनन बताया। डीएमके के अन्य नेता ए राजा ने कल एक और विवादित टिप्पणी देते हुए कहा कि भारत एक राष्ट्र नहीं है क्योंकि एक राष्ट्र का अर्थ है एक भाषा, एक परंपरा और एक संस्कृति का होना, भारत एक राष्ट्र नहीं बल्कि एक उपसमुच्चय है जो माओवादी विचारधारा से प्रेरित है। डीएमके पार्टी के नेता कहते हैं कि तमिल लोग जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे कभी स्वीकार नहीं करेंगे, आप हमें भगवान राम का दुश्मन कहना चाहे तो कह सकते हैं।
डीएमके नेता ए राजा 2जी घोटाले में भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी रह चुके हैं और स्टालिन जैसे नेता जो संविधान की शपथ लेने के बाद भी ऐसी विवादित टिप्पणियां देते हैं। रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेताओं से सवाल करते हुए कहा कि क्या आप इसको सही मानते हैं? उन्होंने कहा कि क्योंकि कांग्रेस को नरेन्द्र मोदी को हटाना है इसलिए उनके लिए अपशब्द बोलते हैं, यह एक अलग विषय है। लेकिन यह कहना कि ‘हम राम के दुश्मन हैंÓ क्या आप इससे सहमत हैं? कांग्रेस यह भी कहती है कि यदि आप भारत माता की जय कहेंगे तो हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे। प्रसाद ने कहा कि आज राहुल गांधी महाकाल का दर्शन करने उज्जैन जा रहे हैं। राहुल गांधी वहां जाकर जब महादेव की जयकार लगाएंगे तब कांग्रेस इसको कैसे स्वीकार करेगी? कांग्रेस पार्टी के लोग दिखावे के लिए मंदिर जाते हैं और भारतीय आस्था, ईश्वर की पद्दती, हमारे संस्कार इन सभी का अपमान करते है। कांग्रेस के लिए चुनाव जीतना जरूरी है इसीलिए कांग्रेस और इंडी गठबंधन भारत के आस्था, संस्कार, संस्कृति और सनातन के अपमान पर चुप रहता है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी और उनके घटक दल किसी भी हद तक जा सकते हैं। रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं उन्हे यह समझना होगा कि संविधान में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि इंडिया दैट इज भारत जिसका मतलब है कि भारत को संवेधानिक एकता संविधान में दी गई है। इसमे भारत के सभी राज्यों का नाम भी शामिल है, भारत में जितनी भाषाएं बोली जाती हैं उन्हें विशेष दर्जा दिया गया है जो संविधान के विविधता में एकता के संदेश को बयान करता है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिस तरह का वक्तव्य डीएमके पार्टी द्वारा दिया गया है कि हम तमिलनाडु में जय श्री राम और भारत माता को कभी स्वीकार नहीं करेंगे, आप जाकर घोषणा कर सकते हैं कि हम राम के विरोधी हैं। श्री प्रसाद ने सवाल किया कि क्या डीएमके को किसी दूसरे पंथ के ईश्वर के बारे में अपशब्द बोलने का अधिकार है? भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है और यही भारत के संस्कार भी हैं। यह ऋग्वेद में भी निहित है कि एकम् सत् विप्रा बहुधा वदन्ति जिसका अर्थ है कि सत्य एक है, लेकिन उसके जाने के मार्ग अलग-अलग हैं। रविशंकर प्रसाद ने डीएमके और विपक्षी गठबंधन की कड़ी आलोचना करते हुए सवाल किया कि क्या उन्हें किसी भी धर्म के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का अधिकार है? हिंदू आस्था का अपमान अस्वीकार्य है। विपक्ष अपनी हताशा छुपाने के लिए नरेन्द्र मोदी का किस हद तक अपमान करेगा। प्रसाद ने कहा कि विपक्ष को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है, 2014 और 2019 में विपक्ष की हार हुई थी और मौजूदा परिदृश्य में भी स्थिति उनके लिए अनुकूल नहीं है। इसके अतिरिक्त उन्होंने नरेन्द्र मोदी के लिए अभद्र भाषा के इस्तेमाल की निंदा की। प्रसाद ने लालू यादव द्वारा दिए गए बयान कि नरेन्द्र मोदी की कोई संतान नहीं है और मोदी जी हिन्दू भी नहीं हैं। लालू प्रसाद यादव को किसने ये अधिकार दिया कि वह सबको सर्टिफिकेट है कि कौन हिन्दू है और कौन नहीं? और वह स्वयं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल नहीं हुए। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी के लिए मोदी का परिवार मुहिम पूरे देश में चली है जो अत्यंत भावुक करने वाली है। और माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने कार्यों के माध्यम से सिद्ध किया है कि देश में जिनका कोई नहीं, उनके मोदी हैं। नरेन्द्र मोदी के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने पर विपक्षी नेताओं द्वारा सवाल उठाए गए कि सिर्फ ब्राह्मणों को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा करने का अधिकार है, यह टिप्पणी विपक्ष की कुंठित सोच को दर्शाती है।
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