नई दिल्ली। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर ऐसे देश हैं, जहां मुद्रा की विफलता या डॉलर की कमी है तो हम उनके साथ रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। इसके अलावा, एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।
सरकार की ओर से शुक्रवार को पेश नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी)-2023 के जरिये रुपये में भुगतान प्रणाली को मजबूत करने पर ध्यान देगी। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारतीय रुपये को वैश्विक मुद्रा बनाने के लिए एफटीपी में बदलाव किए गए हैं ताकि घरेलू मुद्रा में विदेशी व्यापार लेनदेन संभव हो सके।

उन्होंने कहा कि अगर ऐसे देश हैं, जहां मुद्रा की विफलता या डॉलर की कमी है तो हम उनके साथ रुपये में व्यापार करने को तैयार हैं। इसके अलावा, एफटीपी से ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात बढ़कर 200-300 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। इसके अलावा, इसमें कूरियर सेवाओं के जरिये निर्यात के लिए मूल्य सीमा 5 लाख रुपये प्रति खेप से बढ़ाकर 10 लाख रुपये की गई है।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि व्यापार, उद्योग के हित और निर्यातकों को प्रोत्साहन देने के लिए नई विदेशी व्यापार नीति में उन निर्यातकों को राहत दी गई है, जो अपने निर्यात बाध्यताओं को पूरा नहीं कर पाए। इसमें अग्रिम प्राधिकरण और निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीसीजी) योजनाओं के तहत निर्यात बाध्यताओं में चूक को लेकर एकमुश्त निपटान के लिए आम माफी योजना शुरू की गई है।