Home » भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार करार इसी वर्ष सम्पन्न करने का मोदी, जॉनसन का निर्णय

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार करार इसी वर्ष सम्पन्न करने का मोदी, जॉनसन का निर्णय

by Bhupendra Sahu

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर व्यापार एवं निवेश संबंधों के विस्तार के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए दोनों पक्षों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की बात-चीत इसी वर्ष सम्पन्न कराने का निर्णय किया है। श्री मोदी ने ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री जॉनसन की दो दिवसीय भारत यात्रा के अंतिम दिन शुक्रवार को यहां प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘हमने इस साल के अंत तक एफटीए की बातचीत के समापन की दिशा में पूरा प्रयास करने का निर्णय लिया है।

श्री जॉनसन ने कहा कि दोनों देश एफटीए पर इस वर्ष दिवाली तक हस्ताक्षर करने की दिशा में प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के उद्यमियों के बीच एक अरब पाउंड के निवेश और व्यापार के नए समझौते हुए हैं।
श्री मोदी ने कहा कि मुक्त व्यापार समझौते के विषय पर दोनों देशों के अधिकारियों के दल काम कर रहे हैं। बातचीत में अच्छी प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार के समझौतों को सम्पन्न किया है। उन्होंने कहा, हम उसी गति, उसी प्रतिबद्धता के साथ, हम ब्रिटेन के साथ भी एफटीए पर आगे बढऩा चाहेंगे।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘व्यापार वार्ता का अगला चक्र अगले सप्ताह यहां शुरू होने जा रहा है। हम अपने वार्ताकारों को कह रहे है कि यह काम दिवाली तक हो जाना चाहिए…इससे इस दशक के अंत तक हमारा व्यापार और निवेश इस दशक के अंत तक दो गुना हो सकता है।
श्री मोदी ने कहा कि हमने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमती व्यक्त की है। रक्षा क्षेत्र में विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, (उत्पादों के) डिजाइन और विकास, सभी क्षेत्रों में ब्रिटेन द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के समर्थन का हम स्वागत करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिटेन की कंपनियों द्वारा भारत में बढ़ते निवेश का हम स्वागत करते हैं।
श्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन ने ग्लासगो में आयोजित जलवायु सम्मेलन कॉप-26 में लिए गए संकल्पों को पूर्ण करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा, आज हमने अपनी जलवायु (परिवर्तन की चुनौतियों से निपटनेÓ और ऊर्जा के क्षेत्र में भागीदार को और अधिक गहन करने का निर्णय लिया। हम ब्रिटेन को भारत के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं और हमारे बीच द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी वार्ता की स्थापना का मैं ह्रदय से स्वागत करता हूँ।
श्री मोदी ने बताया कि मेड इन इंडिया नवप्रवर्तनों के हस्तांतरण और उनको बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए दोनों देश मिल कर 10 करोड़ डालर का वित्तपोषण करेंगे। इससे स्वस्थ्य विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के प्रयासों में मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा कि यह सहयोग हमारे स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु और मझोले क्षेत्र के उद्यमों को नए बाजार तलाशने, और अपने नवप्रवर्तन -नयी इजाद को विश्वस्तर पर ले जोन में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा।
श्री जॉनसन ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के उद्यमियों ने एक अरब पाउंड के नये निवेश और निर्यात के करार किए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन भागीदारी से दोनों देशों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और आर्थिक वृद्धि हो रही है।
श्री जॉनसन ने मोदी को अपना खास दोस्त बताया और कहा कि उन्होंने श्री मोदी के साथ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के सहयोग पर बातचीत की है।
यह थल, जल, नभ, अंतरिक्ष और इंटनेट जगत इन पांच क्षेत्रों के लिए होगा। उन्होंने बताया कि इसमें भारत के साथ मिल कर नए लड़ाकू विमान के विकास की बात भी होगी और समुद्र में खतरों की पहचान और उसका मुकाबला करने की प्रौद्योगिकी की बात भी होगी।
भारत इस समय ब्रिटेन का 15वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार 21.5 अरब पाउंड से अधिक है।
श्री जॉनसन ने अपनी इस यात्रा की शुरुआत गुरुवार को अहमदाबाद से की और प्रधानमंत्री मोदी ने उनका नयी दिल्ली में शुक्रवार को औपचारिक रूप से स्वागत किया।
00

Share with your Friends

Related Articles

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More