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प्रवासी मजदूरों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का नहीं हो रहा पालन

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि प्रवासी मजदूरों के वेलफेयर के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश जारी किया था उस आदेश का कुछ राज्य और केंद्र सरकार पालन नहीं कर रहे हैं। याचिका में गुहार लगाई गई है कि आदेश के पालन संबंधित स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए केंद्र और राज्यों से कहा जाए। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में दाखिल याचिका पर सुनवाई की गुहार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम देखते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता हर्ष मंदर, अजंली भारद्वाज और जगदीप चोकर की ओर से एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 29 जून 2021 को प्रवासी वर्करों को राशन देने से लेकर कम्युनिटी किचन आदि को लेकर आदेश पारित किया था लेकिन आदेश का पालन नहीं हो रहा है इस बारे में राज्यों से स्टेटस रिपोर्ट मांगा जाए। 29 जून 2021 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश भर के तमाम राज्य वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम 31 जुलाई तक लागू करें।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को कहा था कि जब तक कोविड महामारी की स्थिति बनी रहती है तब तक वह कम्युनिटी किचन चलाएं और प्रवासी मजदूरों को सूखा राशन मुहैया कराएं। गैर संगठित मजदूरों और प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल का काम पूरा नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के श्रम व रोजगार मंत्रालय को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि ऐसा दिखता है कि प्रवासी मजदूरों की उसे चिंता नहीं है और मिनिस्ट्री का रवैया बेपरवाह है जो अक्षम्य है। शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों का रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी किया जाए ताकि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार के सरकारी और वेलफेयर स्कीम का लाभ मिल सके।

कम्यूनिटी किचन पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी कर कहा था कि प्रवासी मजदूरों को सूखा अनाज देने के लिए जो अतिरिक्त अनाज की डिमांड है उस डिमांड को केंद्र सरकार पूरी करे। राज्य सरकारें इसके लिए केंद्र से जो अतिरिक्त डिमांड करती हैं उसे पूरा किया जाए। राज्य सरकारों को निर्देश दिया जाता है कि जब तक कोविड महामारी है तब तक वह मजदूरों को मुफ्त सूखा अनाज मुहैया कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ये भी निर्देश दिया था कि वह कम्युनिटी किचन चलाता रहे और जब तक कोरोना महामारी की स्थिति है कम्युनिटी किचन चले ताकि प्रवासी मजदूरों को उसका लाभ मिल सके।

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