समूह के सदस्य सम्बलपुरी प्रिटेंड साड़ियां, ब्लॉऊज, कमीज, लुंगी, रूमाल, नेपकीन, पर्दा, बेडशीट, चादर, तकिया कवर सहित अन्य कलाकृतियों के कपड़े मांग के अनुसार बनाते हैं। उन्होंने बताया कि आसपास के क्षेत्रों में लगने वाले मेले, राज्योत्सव सहित राजधानी रायपुर में भी आयोजित होने वाले विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन-सह बिक्री केन्द्रों पर भी सूती वस्त्र  का स्टॉल लगाकर बिक्री किया जाता है, जिससे उन्हें लाभ प्राप्त होता है। इस कार्य को अपनाकर तथा इससे होने वाले फायदे को लेकर स्व-सहायता समूह की महिलाएं काफी खुश हैं।