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मौद्रिक नीति और कंपनियों के तिमाही नजीतों से तय होगी शेयर बाजार की चाल

by Bhupendra Sahu

मुंबई । मझौली और छोटी कंपनियों में हुयी लिवाली के बावजूद दिग्गज कंपनियों में मुनाफावसूली के कारण शेयर बाजार में जारी तेजी पर बीते सप्ताह ब्रेक लग गया और इस दौरान तीव्र गिरावट दर्ज की गयी। अगले सप्ताह भी बाजार पर बिकवाली का दबाव दिख सकता और इसकी चाल रिजर्व बैंक की आठ अक्टूबर को जारी होने वाली मौद्रिक नीति और कंपनियों के तिमाही परिणाम के साये में तय होगी। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इस अवधि में 1282.89 अंक टूटकर अब तक के रिकार्ड स्तर न:न सिर्फ 60 हजार अंक के स्तर से बल्कि 59 हजार अंक से भी नीचे उतरकर 58765.58 अंक पर आ गया। इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी बिकवाली के कारण 321.15 अंक टूटकर 17532.05 अंक पर आ गया। निफ्टी भी 18 हजारी होने को बेताव था लेकिन बिकवाली के कारण यह संभव नहीं हो सका।

समीक्षाधीन अवधि में जहां दिग्गज कंपनियों में मुनाफावूसली देखी गयी वहीं मझौली और छोटी कंपनियों में लिवाली बनी रही जिसने अधिक गिरावट होने से बाजार को बचाया। इस अवधि में बीएसई का मिडकैप 49.36 अंक बढ़कर 25244.20 अंक पर और स्मॉलकैप 192.28 अंक बढ़कर 28215.62 अंक पर रहा।
रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की इस सप्ताह होने वाली है और शुक्रवार आठ अक्टूबर को नयी मौद्रिक नीति जारी की जायेगी। जिस तरह से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढोतरी हुयी है उसके मद्देनजर यह उम्मीद की जा रही है कि रिजर्व बैंक महंगाई को काबू में करने के लिए नीतिगत दरों को यथावत बनाये रख सकता है। विश्लेषकों विशेषकर अर्थशास्त्रियों ने भी ब्याज दरों में कमी किये जाने की उम्मीद नहीं जतायी है और उनका कहना है कि वर्तमान स्थिति में केन्द्रीय बैंक नीतिगत दरों को यथावत बनाये रखे यही बेहतर है क्योंकि नीतिगत दरें अभी रिकार्ड निचले स्तर पर है और इसमें कमी किये जाने की गुंजाईश नहीं के बराबर है। हालांकि अर्थव्यवस्था में आ रही तेजी से रिजर्व बैंक को कुछ राहत मिली है और इसका भी असर मौद्रिक नीति पर दिख सकता है।
विश्लेषकों का कहना कि रिजर्व बैंक की नीति के साथ ही कंपनियों के तिमाही परिणाम का असर भी दिख सकता है। देश की दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस का परिणाम बाजार बंद होने के बाद आठ अक्टूबर को आयेगा। इससे पहले चार अक्टूबर से ही कंपनियों के परिणाम आने शुरू हो रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि वर्तमान में बाजार की जो स्थिति है उसके मद्देनजर अगले सप्ताह भी बाजार पर दबाव दिख सकता है और तीव्र गिरावट भी देखी जा सकती है क्योंकि बीते सप्ताह पांच में से चार दिन बाजार पर बिकवाली का दबाव दिखा है। अगले सप्ताह भी दिग्गज कंपनियों में मुनाफावसूली दिख सकती है इसके मद्देनजर छोटे और रिटेल निवेशकों को सतर्क रहकर निवेश करने की सलाह दी गयी है।
सोमवार को विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर आईटी, टेक, हेल्थकेयर और एफएमसीजी समूह में हुई मुनाफावसूली के दबाव में 60412 अंक के नये शिखर पर पहुंचा सेंसेक्स फिसल गया और निफ्टी भी सपाट रहा।
सेंसेक्स 29.41 अंक की मामूली बढ़त लेकर 60,077.88 अंक और निफ्टी 1.90 अंक बढ़कर 17855.10 अंक पर लगभग सपाट बंद हुआ। मंगलवार को वैश्विक बाजार के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर रियल्टी, दूरसंचार, टेक और आईटी समेत लगभग सभी समूहों में हुई मुनाफावसूली के 60 हजार अंक के शिखर से शेयर बाजार उतर गया। सेंसेक्स 410.28 अंक लुढ़ककर दो दिन बाद 60 हजार अंक के नीचे 59,667.60 अंक पर आ गया। इसी तरह 18 हजारी होने को बेताब निफ्टी भी 106.50 अंक गिरकर 17748.60 अंक रह गया।
विदेशी बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर एचडीएफसी, अल्ट्रा सिमको, एशियन पेंट, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनीलीवर और टेक महिंद्रा में हुई बिकवाली के दबाव में बुधवार को लगातार दूसरे दिन भी शेयर बाजार गिरावट पर बंद हुआ। सेंसेक्स 254.33 अंक टूटकर 59,413.27 अंक पर और निफ्टी 37.30 अंक उतरकर 17711.30 अंक पर आ गया। वहीं, दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मझौली कंपनियों में हुई लिवाली ने भी बाजार को अधिक गिरने से बचाया। इस दौरान बीएसई का मिडकैप 154.20 अंक उछलकर 25,169.93 पर और स्मॉलकैप 111.56 अंक की बढ़त लेकर 27,926.54 अंक पर रहा।
वैश्विक बाजारों के मिलेजुले रुख के बीच स्थानीय स्तर पर पावरग्रिड, एशियन पेंट, एक्सिस बैंक, बजाज ऑटो, एसबीआई समेत अन्य कंपनियों में हुई बिकवाली के दबाव में गुरूवार को लगातार तीसरे दिन भी शेयर बाजार लगभग आधे प्रतिशत की गिरावट पर रहा। सेंसेक्स 286.91 गिरकर 59,126.36 अंक और निफ्टी 93.15 अंक उतरकर 17618.15 अंक पर रहा। हालांकि बड़ी कंपनियों के मुकाबले छोटी और मझौली कंपनियों में हुई लिवाली ने बाजार को और अधिक गिरने से बचाया। इस दौरान बीएसई का मिडकैप 0.33 प्रतिशत बढ़कर 25,253.09 अंक और स्मॉलकैप 0.56 चढ़कर 28,081.74 अंक पर रहा।
विदेशी बाजारों की गिरावट से निराश निवेशकों की स्थानीय स्तर पर बजाज फिनसर्व, मारुति, एयरटेल, एशियन पेंट, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी समेत 19 कंपनियों में हुई बिकवाली से सेंसेक्स शुक्रवार को 360.78 अंक लुढ़ककर 59 हजार अंक से नीचे 58,765.58 पर और निफ्टी 86.10 अंक उतरकर 17532.05 अंक पर रहा।
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