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छत्तीसगढ़ में ’न्याय आपके द्वार अभियान’ की हुई शुरूआत… कार्यवाहक चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा ने लीगल एड क्लिनिक बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

by Bhupendra Sahu
  • स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक कानूनों की दी जायेगी जानकारी

रायपुर । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 17 सितंबर से प्रदेश भर में ‘‘न्याय जनता के द्वार अभियान‘‘ प्रारंभ किया जा रहा है। अभियान की शुरूआत करते हुए दो लीगल एड क्लिनिक बसों को आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट परिसर बिलासपुर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार मिश्रा सहित हाईकोर्ट के सभी जजों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये बसें राज्य के दूरस्थ अंचलों में पहंुचकर लोगों को न्याय के लिए जागरूक करेंगी। इस अवसर पर जस्टिस श्री मिश्रा ने अभियान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत सरकार के न्याय विभाग द्वारा आज से यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गांव-गांव में न्याय के प्रति लोगों में जागरूकता लाना और अपने अधिकारों के प्रति उन्हें सचेत करना है। शॉर्ट फिल्म के माध्यम से अशिक्षित लोगों को न्याय के बारे में और विधिक क्षेत्र के बारे में जानकारी दी जाएगी ताकि वे अपने अधिकारों के प्रति सजग हो सकें और न्याय पाने के लिए स्वयं न्यायालयों में जाएं।

इस अभियान का उद्देश्य लोगों में एक विश्वास पैदा करना है जिससे वेे किसी भी प्रकार के दमन, अत्याचार के विरूद्ध आवाज उठा सकें और अपने अधिकारों के लिए लड़कर देश को मजबूत कर सकें। हाईकोर्ट परिसर के अलावा प्रत्येक जिले में भी एक-एक लीगल एड क्लिनिक बसें विशेष टीम के साथ रवाना की गई है। ये टीम कम से कम 100 गंावों में जाकर न्याय के लिए लोगों को जागरूक करने का कार्य करेगी। हाट बाजार जैसे विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर शॉर्ट फिल्म्स के माध्यम से आम लोगों को जागरूक किया जायेगा। 100 से अधिक शिविरों के दौरान विशेष रूप से उन सभी महत्वपूर्ण कानूनों के बारे में जानकारी दी जाएगी जो स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है। इनमें गुड टच बैड टच, छात्रावासों में रहने वाले बच्चों के अधिकार, खेलों में भाग लेने की प्रेरणा, साइबर अपराध के प्रति सचेत करना, साइबर कानून के प्रति जागरूक रहना शामिल है। साथ ही ड्रिंक एंड ड्राइव के कानून, भ्रूण परीक्षण पर प्रतिबंध संबंधी कानून, पॉक्सो एक्ट की गंभीरता, कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकार और समान वेतन का अधिकार जैसे अनेक विषयों की जानकारी दी जाएगी।

इसके अलावा राज्य में विधिक सहायता और आपसी समझौते से परिवादों के निराकरण के लिए लगाए जाने वाले लोक अदालतों की जानकारी भी दी जाएगी और विवादों के निपटारे के लिये लोक अदालत शिविरों का लाभ उठाने की अपील की जायेगी। ग्राम स्तर पर ‘‘हमार अंगना योजना‘‘ के अंतर्गत घरेलू हिंसा से जुड़े कानून की जानकारी दी जाएगी। ‘‘कर्तव्य अभियान‘‘ के तहत संविधान के अनुच्छेद 51 को लेकर जागरूक किया जायेगा। एमएससीटी के मामले, मोटर व्हीकल एक्ट के नए अधिनियम, कोरोनावायरस से बचाव के लिए वरिष्ठ नागरिक और माता-पिता के अधिकार, धारा 125 सीआरपीसी के प्रावधान, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, स्थायी लोक अदालत की उपयोगिता तथा नालसा के टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में जानकारी दी जाएगी। नालसा के यूट्यूब चैनल के द्वारा जानकारी प्राप्त करने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।
इस अभियान के शुभारंभ अवसर पर हाईकोर्ट परिसर में जस्टिस मुनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव, जस्टिस गौतम भादुड़ी, जस्टिस संजय के अग्रवाल, जस्टिस पी. सेम कोशी, जस्टिस आर.सी. एस सामंत, जस्टिस पी.पी. साहू, जस्टिस श्रीमती विमला सिंह कपूर, जस्टिस एन.के. व्यास और जस्टिस एन.के. चंद्रवशी, हाईकोर्ट के रजिस्टार जनरल श्री दीपक तिवारी, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल एवं रजिस्ट्री के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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