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मछली पालन और सिंघाड़ा खेती से बढ़ी महिला स्व-सहायता समूह की आमदनी

by Bhupendra Sahu

रायपुर । छत्तीसगढ़ में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में स्व-सहायता समूह उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के सहयोग से गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला के जनपद पंचायत पेंड्रा के ग्राम कोटमीकला की गोडवाना महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं मछली पालन और सिंघाड़ा की खेती के माध्यम से आय का मजबूत स्रोत विकसित कर ‘लखपति दीदी’ बनने की ओर अग्रसर हैं।

समूह ने आजीविका गतिविधि के रूप में पिछले वर्ष ग्राम पंचायत से 5 हजार रुपए वार्षिक ठेके पर तालाब लिया था। केवल 2 हजार रुपए के मछली बीज का उपयोग कर महिलाओं ने एक ही सीजन में 18 हजार रुपए से अधिक की मछली बेचकर आर्थिक लाभ प्राप्त किया। इसके बाद महिलाओं ने इसी तालाब में सिंघाड़ा की खेती शुरू की, जिसने उनकी आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है।

अब तक महिलाएं 15 से 20 हजार रुपए मूल्य का सिंघाड़ा बेच चुकी हैं, जबकि लगभग 70 से 80 हजार रुपए का सिंघाड़ा वर्तमान में तैयार है और इसे लगातार निकालकर बेचा जा रहा है। समूह की सदस्य श्रीमती चमेली बाई ने बताया कि महिलाएं अपने खाली समय में अगरबत्ती निर्माण भी करती हैं और स्थानीय हाट-बाजारों एवं दुकानों में आपूर्ति कर अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रही हैं।

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