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एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान हमारे राष्ट्रीय जीवन का सशक्त प्रतीक – राज्यपाल डेका

by Bhupendra Sahu

रायपुर राज्यपाल श्री रमेन डेका के मुख्य आतिथ्य में आज राजभवन में 6 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर श्री डेका ने कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता में बसती है और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से प्रारंभ हुआ ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ अभियान इसी एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का सशक्त प्रतीक है।

राजभवन में रविवार को छत्तीसगढ़ मण्डपम् में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में राज्यपाल श्री रमेन डेका ने छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, जम्मू कश्मीर, केरल, लद्दाख, और अंडमान निकोबार राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के स्थापना दिवस के अवसर पर कहा कि यह पहल केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भावनात्मक एकीकरण का माध्यम है। केन्द्र सरकार के “एक भारत-श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम के तहत विविधता में एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्य एक दूसरे का स्थापना दिवस मनाते है। इसी कड़ी में आज राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम में इन राज्यों का स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

इस अवसर पर राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि भाषाओं, वेशभूषा, खान-पान, कला और परंपराओं में भिन्नता होने के बावजूद हमारी आत्मा एक है। यही विविधता भारत को विश्व में अद्वितीय बनाती है। आज जिन राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है, वे भारत की इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को और अधिक उजागर करते हैं।
श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक साैंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक विविधताओं से परिपूर्ण राज्य है। यहां कि संस्कृति रामायण काल की है। यह भगवान श्री राम की कर्म भूमि है। छत्तीसगढ़ में 35 से अधिक जनजातियां निवास करती हैं जिनकी अपनी अनूठी परंपराएं, भाषाएं और जीवनशैली है। राज्य की जनजातीय परंपराएं देशभर में विशिष्ट पहचान रखती है। छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सरल हैं और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रहते हैं। छत्तीसगढ़ को भारत की खनिज राजधानी कहा जाता है साथ ही यह धान का कटोरा भी है। यहां पर्यटन की भी काफी संभावनाएं हैं। अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण रायपुर ‘एजुकेशन हब‘ बनने की ओर अग्रसर है। मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता बढ़ा कर इस क्षेत्र को शैक्षणिक दृष्टि से और अधिक विकसित किया जा सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि मध्यप्रदेश भारत का हृदय है। यह राज्य अपनी प्राकृतिक संपदा और इतिहास के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को अपने अंदर समेटे हुए है। धार्मिक और पर्यटन दोनों ही दृष्टि से यह देशी-विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। खजुराहो के रहस्यमय मंदिर, सांची का स्तूप और भीमबेटका की गुफाएं, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है। उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश दो अलग-अलग राज्य हैं, लेकिन दोनों राज्यों के निवासियों का खान-पान, भाषा, संस्कृति, रीति-रिवाज कुछ हद तक एक जैसे हैं और वे आपसी स्नेह के अटूट बंधन में बंधे हैं।

श्री डेका ने कहा कि एक 1 नवंबर 1956 को केरल राज्य का गठन भाषा, संस्कृति और विकास की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम था। आज केरल अपनी शैक्षणिक उन्नति, स्वास्थ्य सेवाओं, साहित्य, कला, सांस्कृतिक विरासत और सुंदर समुद्री तटों के लिए पूरे विश्व में एक मिसाल बन चुका है। साक्षरता दर, स्वास्थ्य सूचकांक और लैंगिक समानता में केरल पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। केरल में 96 प्रतिशत साक्षरता दर है। यहां शिक्षा को सामाजिक अधिकार की तरह माना जाता है। अपने प्राकृतिक सौंदर्य और सदाबहार हरियाली के लिए प्रसिद्ध यह राज्य पर्यटकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। हम केरल के प्राचीन इतिहास, लंबे समय से चले आ रहे विदेशी व्यापार संबंधों, विज्ञान और कला की समृद्ध परंपरा पर गर्व कर सकते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जम्मू और कश्मीर राज्य हिमालय पर्वत श्रृंखला के उच्चतम भाग, और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संसाधनों के लिए जाना जाता है। यहां स्थित वैष्णो देवी और अमरनाथ की गुफाएं हिंदुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। यह प्रदेश बहादुरी, साहस और देश की सीमा सुरक्षा के गौरव का प्रतीक भी है।
श्री डेका ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया। हिमालय की गोद में बसा लद्दाख का हर दृश्य प्रकृति की अनोखी रचना जैसा प्रतीत होता है। यहां की बौद्ध संस्कृति और हिमालयी जीवनशैली से पूरे देश को शांति और सन्तुलन का संदेश मिलता है। यहां के लोग पर्यावरण के प्रति बहुत सम्मान रखते हैं।

राज्यपाल ने कहा कि अंडमान- निकोबार द्वीप समूह न केवल प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर हैं बल्कि ‘सेल्यूलर जेल‘ जैसे ऐतिहासिक स्थल भी यहां है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान की पीड़ा और पराक्रम को याद दिलाता है।

राज्यपाल ने कहा कि इन राज्यों की यह विविधता ही भारत की एकता की सबसे बड़ी गारंटी है। यही ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना है, जिसका उद्देश्य केवल सांस्कृतिक परिचय नहीं, बल्कि भावनात्मक एकीकरण है। जब राज्य एक-दूसरे से जुड़ते हैं, तो न केवल संस्कृति, बल्कि शिक्षा, व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नए अवसर बनते हैं।

उन्होंने सभी से अपील की कि एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण के लिए एक पेड़ अवश्य लगाएं। साथ ही उन्होंने लोगों का आव्हान किया कि एक कार्य ऐसा जरूर करें, जिसमें मानवीय सेवा निहित हो।

समारोह में विभिन्न राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने अपने राज्यों की विशेषताओं, परंपरा, संस्कृति पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सभी राज्यों की संस्कृति एवं लोक परंपरा आधारित संास्कृतिक कार्यक्रमों की रंगारंग प्रस्तुति दी। छत्तीसगढ़ के लोक-नृत्य, मध्यप्रदेश के बुंदेलखंडी नृत्य, जम्मू कश्मीर के राउफ सहित केरल के लोक नृत्य गौपति, लद्दाख के जबरो नृत्य एवं अंडमान निकोबार के लोक नृत्यों ने अतिथियों का मन मोह लिया।

विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने राजकीय गमछा और स्मृति चिन्ह भेंट किया। उन्होंने भी राज्यपाल को अपने राज्य की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम में विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, श्री सुनील सोनी, श्री अनुज शर्मा, छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं इन सभी राज्यों के युवा, महिलाएं एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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