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सरकारी बैंकों का होने जा रहा है मर्जर, निर्मला सीतारमण ने दिए बड़े संकेत

by Bhupendra Sahu

नई दिल्ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि बैंकों को अपने ग्राहक आधार को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के साथ पर्सन-टू-पर्सन कांटेक्ट पर भी फोकस करने की भी आवश्यकता है। साथ ही, ग्राहकों की सुविधा के लिए स्थानीय भाषा को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार देश के बैंकिंग क्षेत्र में नई दौर की एकीकरण और विस्तार प्रक्रिया शुरू करने की दिशा में काम कर रही है।
सीतारमण ने कहा, ‘भारत को बहुत सारे बड़े बैंक चाहिए, विश्वस्तरीय बैंक चाहिए। इसके लिए हमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (क्रक्चढ्ढ) और बैंकों के साथ बैठकर चर्चा करनी होगी कि वे इसे आगे कैसे ले जाना चाहते हैंज् इस पर काम पहले ही शुरू हो चुका है।Ó वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार और आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र के अगले चरण को आकार देने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जिनमें मौजूदा बैंकों का विलय और नए वित्तीय संस्थानों का गठन भी शामिल है। उनका कहना था कि भारत की बैंकिंग व्यवस्था को और अधिक गतिशील बनाना होगा ताकि यह बढ़ती क्रेडिट मांग और इंफ्रा फाइनेंसिंग की जरूरतों के अनुरूप काम कर सके। सीतारमण ने कहा, ‘हमें ऐसा इकोसिस्टम और माहौल बनाना होगा, जिसमें अधिक बैंक काम कर सकें और बढ़ सकें।Ó
बता दें कि पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने कई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण किया है, ताकि कार्यक्षमता और पैमाना (द्गद्घद्घद्बष्द्बद्गठ्ठष्4 ड्डठ्ठस्र ह्यष्ड्डद्यद्ग) बेहतर हो सके। उन्होंने संकेत दिया कि आने वाले सुधार केवल विलय तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि इससे आगे भी जा सकते हैं। भारत ने अब तक दो बड़ी मर्जर की लहरें देखी हैं। 2017 में, भारतीय स्टेट बैंक (स्क्चढ्ढ) ने अपने सहयोगी बैंकों का विलय किया। इसके बाद 2019 में, 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाए गए। इन कदमों के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर अब 12 रह गई है। हाल ही में 27 अक्टूबर को रूद्बठ्ठह्ल की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार एक नया ब्लूप्रिंट तैयार कर रही है ताकि चुनिंदा सार्वजनिक बैंकों का पुन: विलय किया जा सके और उनके संचालन को सुव्यवस्थित किया जा सके।
्रढ्ढ पर ‘सॉफ्ट टचÓ नीति
प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (्रढ्ढ) को लेकर संतुलित नियामक दृष्टिकोण अपनाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा, ‘मैं ्रढ्ढ और उसके नियमन को लेकर क्रक्चढ्ढ और नीति आयोग दोनों के साथ चर्चा कर रही हूं।Ó उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य इनोवेशन को प्रोत्साहित करना है, लेकिन साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा और एथिकल उपयोग पर भी ध्यान देना आवश्यक है।
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