रायपुर देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन महासमुंद जिले के बेलसोंडा से लोहिया चौक मार्च पास्ट निकाला गया। इस अवसर पर यूनिटी मार्च का समापन समारोह गरिमामय वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल एवं प्रमुख वक्ता पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री अजय चंद्राकर शामिल हुए। दोनों अतिथियों ने सरदार पटेल के जीवन, कार्यों और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान पर विस्तार से अपने विचार व्यक्त किए।
लोहिया चौक में आयोजित समापन यात्रा में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि सरदार पटेल के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के संदेश को सरदार पटेल की सोच से प्रेरित बताया। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल के दौरान देश ने एकता और आत्मनिर्भरता की भावना के साथ चुनौतियों का सामना किया, जो सरदार पटेल के एक भारत, श्रेष्ठ भारत के आदर्शों को साकार करता है।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं प्रमुख वक्ता श्री अजय चंद्राकर ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल केवल एक नेता नहीं, बल्कि भारत की एकता के शिल्पकार थे। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के संघर्ष का आरंभ खेड़ा सत्याग्रह से हुआ, जिसकी सफलता ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। श्री चंद्राकर ने कहा कि बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद ही उन्हें सरदार की उपाधि मिली। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन त्याग, संघर्ष और सेवा का अद्वितीय उदाहरण है। तीन वर्षों तक कठोर कारावास झेलने के बावजूद उन्होंने कभी जनसेवा का मार्ग नहीं छोड़ा। वे सच्चे अर्थों में जनप्रतिनिधि थे, जिन्होंने हर आंदोलन में आम जनता की आवाज बनकर कार्य किया। श्री चंद्राकर ने यह भी उल्लेख किया कि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी आज उनके महान योगदान का प्रतीक है, जो हमें राष्ट्र की एकता और अखंडता का संदेश देता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूमि भी आंदोलनों की गवाह रही है, जहां कैंडल सत्याग्रह जैसे सफल जनआंदोलन हुए हैं।
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने सरदार पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
समारोह में सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यार्थी, सामाजिक संगठन तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।