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नई दिशा, नया विश्वास और नई उद्योग नीति के पथ पर अग्रसर छत्तीसगढ़ राज्य

by Bhupendra Sahu

रायपुर छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का यह रजत जयंती वर्ष प्रदेश की औद्योगिक विकास यात्रा के एक नए अध्याय का साक्षी बना है। नवा रायपुर के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी वाणिज्य एवं व्यापार परिसर (राज्योत्सव स्थल) में लगी उद्योग विभाग की प्रदर्शनी इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बनी है, जहाँ राज्य की नई औद्योगिक नीति 2024–2030 का विज़न मूर्त रूप में प्रस्तुत किया गया।

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर औद्योगिक दिशा की ओर

छत्तीसगढ़ का 25 सालों का औद्योगिक विकास की थीम पर सजी यह प्रदर्शनी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की आत्मनिर्भर औद्योगिक दिशा को दर्शा रही है।

छत्तीसगढ़ का 25 वर्षों का औद्योगिक विकास

2015–2020 : आधारशिला और विस्तार इस दौर में स्टार्टअप छत्तीसगढ़ और MSME उद्यम रजिस्ट्रेशन प्रणाली की शुरुआत हुई। राज्य ने औद्योगिक विविधीकरण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, हैवल और टेक्सटाइल्स जैसे नए क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया।

2020–2024 : कनेक्टिविटी और गति

राज्य में रेल परियोजनाओं से कोयला और औद्योगिक परिवहन को नई दिशा मिली। साथ ही, चारों दिशाओं में चार नए एयरपोर्ट्स के विकास ने औद्योगिक लॉजिस्टिक्स को सशक्त किया।

2024–अब तक : नई नीति, नया विश्वास

औद्योगिक विकास नीति 2024–2030 लागू होने के बाद राज्य में अब तक 7.5 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।

सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत

वन क्लिक सिंगल विंडो सिस्टम की शुरुआत, इंडस्ट्रियल रिफॉर्म एवं जन विश्वास एक्ट 2025 और भूमि आवंटन के डिजिटलीकरण ने Ease of Doing Business को नई ऊँचाई दी है।

लिथियम ब्लॉक ऑक्शन कर देश में पहला स्थान प्राप्त

राज्य ने लिथियम ब्लॉक ऑक्शन कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है, वहीं नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट और AI डाटा सेंटर पार्क स्थापित किया जाना सुनिश्चित हुआ है।

हर जिले में 70 से अधिक औद्योगिक पार्क विकसित

छत्तीसगढ़ लॉजिस्टिक्स नीति 2025 के तहत राज्य के हर जिले में 70 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र और पार्क विकसित किए जा रहे हैं।

ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस

राज्य सरकार ने ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस, ऑनलाइन स्वीकृति प्रणाली, और फास्ट ट्रैक अप्रूवल सिस्टम को भी प्राथमिकता दी है।

बस्तर की बेलमेटल और रायगढ़ के स्टार्टअप इनोवेटर्स की औद्योगिक पहचान

हरित और समावेशी उद्योगों की ओर ग्रीन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मॉडल प्रदर्शनी में विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।
सौर ऊर्जा, ई–वाहन, जैव–ईंधन और अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है। बस्तर की बेलमेटल कारीगर महिलाएं और रायगढ़ के स्टार्टअप इनोवेटर्स अब औद्योगिक पहचान बन चुके हैं।

प्रदर्शनी में ड्रोन असेंबली, रोबोटिक्स, 3D प्रिंटिंग और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग के मॉडल्स ने दर्शकों को राज्य के औद्योगिक भविष्य की झलक दी।

छत्तीसगढ संभावनाओं का प्रदेश बन चुका

राज्योत्सव की यह प्रदर्शनी बताती है कि छत्तीसगढ़ अब केवल संसाधनों का नहीं, संभावनाओं का प्रदेश बन चुका है।

हर हाथ को काम, हर जिले को पहचान

नई औद्योगिक नीति 2024–2030 राज्य को “विकास से विश्वास” की उस यात्रा पर ले जा रही है, जहाँ हर हाथ को काम, हर जिले को पहचान और हर नागरिक को अवसर मिलेगा।

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